वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे युवा कप्तान
छह जनवरी 1959 को जन्मे कपिल देव क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट में 400 से अधिक विकेट (434 विकेट) लिए हैं और पांच हजार से अधिक रन बनाए हैं। उन्होने 1983 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की, वह क्रिकेट विश्व कप जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बने। उन्होंने यह उपलब्धि 24 वर्ष की आयु में प्राप्त की, इस लिहाज से वह अभी भी किसी भी टीम के लिए विश्व कप जीतने वाले सबसे कम उम्र के कप्तान हैं। कपिल देव 1994 में 200 वनडे विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी के रूप में रिटायर हुए और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, यह रिकॉर्ड बाद में 2000 में कोर्टनी वॉल्श ने तोड़ा।
भारतीय टीम के कोच भी बने
कपिल देव ने 2023 तक वनडे में नंबर पांच या उससे नीचे बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर (नाबाद 175) का रिकॉर्ड अपने नाम किया, जिसे आस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने तोड़ा। मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के खिलाफ वनडे वर्ल्ड कप 2023 में 201 रन बनाए थे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने सितंबर 1999 और सितंबर 2000 के बीच भारतीय राष्ट्रीय टीम को कोचिंग दी। लेकिन फिक्सिंग विवाद के चलते उन्हें कोचिंग छोड़नी पड़ी।
कपिल ने BCCI से लिया पंगा
इसके बाद कपिल ने ऐसा समय भी आया जब कपिल ने बीसीसीआई से पंगा ले लिया और उसके चलते काफी समय तक वे विवादों में रहे और इसी विवाद ने भारत की पहली और वर्ल्ड की दूसरी सबसे महंगी लीग का जन्म हुआ। 2007 में कपिल देव ने अपनी अध्यक्षता में एक फ्रेंचाईजी लीग को जन्म दिया। इसका नाम इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) था।
आईसीएल की शुरुआत और BCCI से विवाद
नवंबर 2007 से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने मिलकर छह घरेलू टीमों के साथ आईसीएल की शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में विजेता टीम को 1 मिलियन डॉलर का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई। लेकिन बीसीसीआई ने आईसीएल को मान्यता देने से इनकार कर दिया और इसमें खेलने वाले सभी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया। यहां से कपिल और बीसीसीआई के बीच विवाद शुरू हुआ।
कपिल देव को BCCI ने किया बर्खास्त
इसके बाद बीसीसीआई ने कठोर कदम उठाते हुए आईसीएल का समर्थन करने के कारण कपिल देव को राष्ट्रीय क्रिकेट संघ से बर्खास्त कर दिया। अन्य क्रिकेट खेलने वाले देशों के बोर्डों ने भी आईसीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर प्रतिबंध का समर्थन किया। जिसके चलते आईसीएल कमजोर पड़ गई और इसे बंद करना पड़ा। बीसीसीआई ने इस मौके का फायदा उठाया और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का गठन हुआ। 1982 में कपिल देव को पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2002 में, उन्हें विजडन द्वारा सदी के भारतीय क्रिकेटर के रूप में नामित किया गया था। 11 मार्च 2010 को, कपिल देव को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। 2013 में, उन्हें सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला, जो बीसीसीआई द्वारा किसी पूर्व खिलाड़ी को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।