वैसे तो दोनों धुरंधर खिलाड़ियों को फॉर्म वापसी के लिए रणजी ट्रॉफी के अलावा कोई बड़ा प्लेटफॉर्म मिलता नहीं दिखाई पड़ा रहा। विराट कोहली और रोहित शर्मा के पास 23 से 26 जनवरी तक रणजी ट्रॉफी में खेलकर अपनी खोई हुई फॉर्म पाने का सुनहरा मौका है। इस दौरान विराट कोहली को जहां एलीट ग्रुप-डी मुकाबले में दिल्ली की ओर से सौराष्ट्र के खिलाफ खेलने का, वहीं रोहित शर्मा को मुंबई के लिए एलीट ग्रुप-ए मैच में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ फॉर्म तलाशने का मौका मिलेगा। चूंकि, दोनों टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और भारत-इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज अगले महीने से शुरू होनी है,। ऐसे में दोनों खिलाड़ियों के पास रणजी ट्रॉफी खेलकर खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से पाने का बेहतरीन मौका है।
विराट-रोहित का आखिरी रणजी मैच
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धताओं के चलते विराट कोहली और रोहित शर्मा ने लंबे समय से घरेलू मुकाबलों से दूरी बनाई हुई है। विराट कोहली ने अपनी घरेलू टीम दिल्ली के लिए आखिरी बार रणजी ट्रॉफी मैच 2012 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेला था। वहीं, रोहित शर्मा ने 2015 में आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए कदम मैदान पर रखा था।
गौतम गंभीर ने दी थी यह सलाह..
सिडनी टेस्ट और 10 साल बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद गौतम गंभीर ने कहा था, “मैं हमेशा चाहता हूं कि हर कोई घरेलू क्रिकेट खेले। अगर खिलाड़ी उपलब्ध हैं और उनके पास रेड बॉल क्रिकेट खेलने की प्रतिबद्धता है तो सभी को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। यदि आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते हैं तो आपको कभी भी टेस्ट क्रिकेट में बढ़िया खिलाड़ी नहीं मिलेंगे।” गौतम गंभीर ने यह भी कहा था कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अभी-अभी खत्म हुई है। मुझे लगता है कि हमारे पास अभी भी 5 महीने का समय है कि हम योजना बना सकें कि हम कहां जाना चाहते हैं। हालाकि यह मेरे लिए इस पर बात करने का सही समय नहीं है। पांच महीने के बाद हम कहां होंगे? खेल में बहुत कुछ बदल जाता है। फॉर्म, लोग और रवैया बदलता है; खेल में सब कुछ बदल जाता है। हम सभी जानते हैं कि पांच महीने लंबा समय है, तो इंग्लैंड सीरीज से पहले देखते हैं कि क्या होने वाला है। लेकिन जो भी होगा, वह भारतीय क्रिकेट के सर्वोत्तम हित में होगा।”