टेस्ट टीम की कप्तानी पर जडेजा का बड़ा बयान
अश्विन ने रवींद्र जडेजा से सवाल किया कि क्या आपने कभी टीम इंडिया की कप्तानी के बारे में सोचा है? इस पर जडेजा तपाक से कहा, हां… निश्चित रूप से सोचा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में मैं कई कप्तानों के नेतृत्व में खेला। इसलिए हर कप्तान की मानसिकता के बार में पता है। सबकी अपनी अलग ही मानसिकता होती है कि वे टीम से क्या चाहते हैं और कैसे चलाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए मैंने हर फॉर्मेट में एमएस धोनी कप्तानी में खेला। उनकी सोच बहुत ही सरल है। जब उन्हें लगेगा कि बल्लेबाज उस तरु हिट कर सकता है तो वे वहीं एक फिल्डर सेट कर देंगे।
‘टेस्ट और टी20 की कप्तानी में अंतर’
रवींद्र जडेजा ने टेस्ट और टी20 फॉर्मेट की कप्तानी में अंतर बताते हुए बताया कि टी20 में कप्तानी टेस्ट क्रिकेट से कहीं अधिक व्यस्त रहती है। टेस्ट में आपको गेंदबाज की आवश्यकता को देखते हुए दो-तीन फील्डर बदलने पड़ते हैं। टेस्ट क्रिकेट में यह सरल जरूर है, लेकिन गणना पर आधारित होती है। ये टी20 की तरह जटिल नहीं होती है। टी20 में हर गेंद एक इवेंट है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट इतना व्यस्त नहीं। ‘मैं पहली बार धोनी से मिलने से झिझक रहा था’
इस दौरान रवींद्र जडेजा ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से पहली मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मैं पहली बार धोनी से चेन्नई में 2005 की चैलेंजर्स ट्रॉफी के दौरान मिला था। मेरी मुंबई से फ्लाइट थी और उसी से धोनी भी आ रहे थे। वह बिजनेस क्लास में बैठे थे और मैं इकॉनमी क्लास में बैठा था। हर कोई कह रहा था कि धोनी सामने ही बैठे हैं, लेकिन मैं मिलने में झिझक रहा था।