युवराज ने लिखा, “एक युवा क्रिकेटर से दो बार विश्व कप विजेता बनने तक, पीयूष ने अपने करियर में तब-तब प्रदर्शन करके दिखाया जब टीम को इसकी थी। 450 से ज्यादा प्रथम श्रेणी विकेट, यूपी और गुजरात के लिए कई साल खेलना, आईपीएल इतिहास का तीसरा सबसे सफल गेंदबाज बनना। आंकड़ों से भी ज्यादा अहम यह है कि इस यात्रा में आपने खुद को शांत, धैर्य और प्रतिबद्धता के साथ पेश किया। आपने हर तरह का सम्मान अर्जित किया है। आपके साथ मैदान साझा करने पर गर्व है।”
2007 टी 20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया के सदस्य रहे पीयूष चावला ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 22 दिसंबर 2012 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला था, जो एक टी 20 मैच था। 2006 में अपना डेब्यू करने वाले पीयूष ने 2012 तक अपने छह साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में तीन टेस्ट, 25 वनडे और सात टी 20 मैच खेले। टेस्ट में उनके नाम सात, वनडे में 32 और टी20 में चार विकेट दर्ज हैं। वहीं घरेलू क्रिकेट करियर पर नजर डालें तो 137 प्रथम श्रेणी मैचों में 446 विकेट, 164 लिस्ट ए मैच में 254 विकेट उनके नाम हैं। पीयूष ने अपना आखिरी घरेलू मैच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए हिमाचल प्रदेश के खिलाफ खेला था। मुंबई में खेले गए इस मैच में उन्होंने 12 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
IPL में भी मचाया धमाल
पीयूष चावला का नाम आईपीएल इतिहास के सफलतम गेंदबाजों में शुमार है। 2008 से 2024 के बीच चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए उन्होंने 192 मैचों में 192 विकेट लिए। सुनील नरेन (192 विकेट) के साथ वे संयुक्त रूप से आईपीएल के तीसरे सफलतम गेंदबाज हैं।