खास बात यह है कि शुरुआत से लगातार तीन साल तक एडमिशन के मामले में मॉडल कॉलेज की ऐसी ही स्थिति रहने के बाद भी हायर एजुकेशन और जिला प्रशासन ने इसके फ्लॉप होने के कारणों की समीक्षा नहीं की है। नतीजन, लगातार एक जैसे हालात यहां हर वर्ष देखने मिल रहे हैं। (mp news)
700 सीटें की गई थीं ओपन
मॉडल कॉलेज में इस बार अलग-अलग विषयों के लिए 700 सीट ओपन की गई थीं। इनमें से महज 7 सीटों पर ही पहले चरण के बाद एडमिशन हो सके थे, जबकि दूसरे चरण के भी यहां संया ज्यादा नहीं बढ़ सकी है। इस कॉलेज में इस बार 60 सीटें वैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स (BBA) के लिए भी रखी थी। जिले में बीबीए पाठ्यक्रम की केवल मॉडल कॉलेज में ही सुविधा दी गई थी।
प्रिंसिपल का बयान
कॉलेज में एडमिशन विद्यार्थी नहीं ले रहे हैं। जिसके कारणों की लगातार समीक्षा की जा रही है। इस बार कॉलेज चलो, संपर्क अभियान भी स्कूल-स्कूल जाकर चलाया गया। साथ ही बीबीए की जानकारी भी दी गई, इसके बाद भी बच्चों ने कॉलेज चॉइस नहीं किया है।- कीर्तिकाम दुबे, प्राचार्य मॉडल कॉलेज दमोह
हर महीने होते है इतने लाख खर्च
मॉडल कॉलेज में कहने के लिए 42 शैक्षणिक व 25 अशैक्षणिक पद स्वीकृत हैं, लेकिन मौजूदा समय में प्राचार्य, तीन विषय संस्कृत, गणित और राजनीति के रेग्युलर प्रोफेसर और 10 गेस्ट स्कॉलर्स पदस्थ है। इसके अलावा एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। इन सभी के वेतन, बिजली बिल सहित अन्य खर्चों को मिलाकर करीब 9 लाख का खर्च इस कॉलेज पर हर माह हो रहा है। (mp news) यह है प्रमुख कारण
- बरपटी क्षेत्र में जहां कॉलेज बनाया गया है, वह क्षेत्र डाइरेक्ट मुय सड़क से कनेक्ट नहीं है।
- कॉलेज के पास सुनसान स्थिति रहना। कोई व्यवसायिक परिसर, कॉपलेक्स, कैफे, बाजार नहीं होना।
- शहरी क्षेत्र से करीब 7 किमी दूर बस सुविधा भी उपलब्ध नहीं होना।
- कॉलेज में सीट के प्रबंधन को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्थानीय नोडल अधिकारियों द्वारा प्रॉपर प्लानिंग कर पाना।
- मॉडल कॉलेज बिल्डिंग के अलावा यहां विद्यार्थियों को लाने के लिए प्रॉपर माहौल न बना पाना।
फैक्ट फाइल
- 2023-24 में 9 एडमिशन
- 2024-25 में 27 एडमिशन
- 2025-26 में अब तक 7 एडमिशन
- 10 एकड़ में बना है कॉलेज
- 700 सीट प्रवेश के लिए है कॉलेज में। (mp news)