CG Election 2025: ईवीएम में कैद हुई प्रत्याशियों की किस्मत
अब सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है और 15 फरवरी को
मतगणना के बाद ही यह साफ होगा कि और किसके सिर पर सजेगा जीत का ताज।
राजनीतिक दलों का दावा
चुनाव के बाद हर राजनीतिक दल अपनी जीत के दावे कर रहा है। प्रत्याशियों और समर्थकों में उत्सुकता बनी हुई है, वहीं अब सभी की नजरें 15 फरवरी को मतगणना पर टिकी हैं।
बुजुर्गों ने दिखाया मतदान का जज्बा
निकाय चुनाव में जहां युवा मतदाता उत्साहित नजर आए, वहीं बुजुर्ग मतदाताओं ने भी मतदान को अपना कर्तव्य मानते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वार्ड क्रमांक 1 में 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला रतन मनी ठाकुर ने मतदान के बाद कहा कि नगर के विकास और स्वच्छ-सुंदर शहर बनाने के लिए सभी को मतदान करना चाहिए। मैंने भी अपने धर्म का पालन करते हुए मतदान किया है। मुझे विश्वास है कि जनता सही अध्यक्ष चुनेगी। नगर की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखना पार्षद की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी तरह, वार्ड क्रमांक 10 में 80 वर्षीय कृष्ण कुमार सिंह ने अपने पोते के साथ मतदान किया और कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग करें। नगर का पूर्ण विकास हो, इसी उमीद से मैं यहां आया हूं।
निर्दलीय प्रत्याशियों से बदले समीकरण
CG Election 2025: दंतेवाड़ा नगर पालिका के 15 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों की मजबूत दावेदारी ने चुनावी समीकरण बदल दिए हैं। खासकर वार्ड नंबर 1, 14 और 15 में निर्दलीय उम्मीदवारों की मजबूत स्थिति ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अब सभी की निगाहें 15 फरवरी को मतगणना पर टिकी हैं, जब यह साफ होगा कि नगर की जनता ने किस पर भरोसा जताया और कौन बनेगा नगर का नेतृत्वकर्ता।
कई मतदाता अपने नाम तलाशते नजर आए
वहीं बचली क्षेत्र में चुनाव में नियुक्त कई वार्डों के बीएलओ के लापरवाही के चलते मतदाता सूची से कई मतदाताओं के नाम गायब हो चुके थे या वार्ड बदल दिया गया था जिसके चलते मतदाताओं में बेचैनी और रोष नज़र आया। दरअसल मतदाता सूची में एक ही परिवार के लोगों के नाम अलग अलग वार्डो में था तो कहीं वर्षो से मतदान दे रहे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नही थे वहीं वर्षो पहले दुनिया छोड़ चुके मृतकों के नाम मतदाता सूची में जस की तस जुड़े हुए है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मतदान पर्ची तो बांटने दिया गया पर मतदाता सूची नहीं दी गई इससे भी मतदाताओं के सरल क्रमांक तलाशने काफी मशक्कत करनी पड़ी।