CG News: आदिवासियों के मेहनताने पर डाका
योजनाएं प्रदेश की राजधानी से तो शुरू होती हैं लेकिन बस्तर के बीहड़ों तक पहुंचने से पहले ही कहीं गुम हो जाती है। ऐसी ही सरकार की योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है, तेंदूपत्ता बोनस राशि। जो गरीब संग्राहकों के जीवन यापन का एक प्रमुख साधन है। नक्सलवाद के आड़ में सालों से वन समिति प्रबंधक आदिवासियों के मेहनताने पर डाका डाल रहे हैं।
2016 से नहीं बांटी गई बोनस राशि
तेंदूपत्ता बोनस राशि में गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद पत्रिका ने जमीनी हकीकत जानने विकास खण्ड कोंटा के नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंच कर मामले की पड़ताल की। इस दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि नक्सल ग्रस्त क्षेत्रों में घोटाले की जड़ें और भी गहरी हैं। यहां नक्सलियों की मौजूगी का फायदा उठाकर वन विभाग के अधिकारी और प्रबंधक मिलकर सालों से संग्राहकों की मेहनत पर डाका डाल रहे हैं। प्राथमिक वन समिति गोल्लापल्ली और पालाचलमा में साल 2016 से तेंदूपत्ता बोनस की राशि बांटी ही नहीं गई है।
आज तक नहीं मिली बोनस की राशि
हर साल तेंदूपत्ता सीजन में ग्रामीण बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। लक्ष्य से अधिक पत्ता तोड़ने पर सरकार संग्राहकों को बोनस के तौर पर इनाम राशि देती है। यही इनाम राशि को वन अफसर और समिति प्रबंधक सालों से पॉकेट मनी की तरह इस्तेमाल करते आ रहे हैं। सुरक्षा कारणों से नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि तेंदूपत्ता तोड़ाई का पैसा ही सरकार से मिलता है। बोनस की राशि तो आज तक नहीं मिली है। पूछने पर हर बार प्रबंधक मना कर देता है। नक्सल इलाका होने की वजह से विभागीय जानकारी भी नहीं मिलती है। डेढ़ करोड़ का बोनस राशि प्राप्त…
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोलापल्ली और पालाचलमा वन समिति में दो साल 2021 और 2022 का
तेंदूपत्ता बोनस राशि प्राप्त हुआ है। प्रबंधकों द्वारा संग्राहकों को गुमराह करते हुए 2021 का ही बोनस वितरण किया जा रहा है। बीते साल 2024 के अप्रैल—मई महीने में डेढ़ करोड़ रुपए बोनस की राशि दोनों वन समितियों के खाते में ट्रांसफर किया गया लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी संग्राहकों को राशि का वितरण नहीं किया गया है।
बताया जा रहा है कि प्रबंधकों ने बोनस की पूरी राशि आहरण भी कर ली है। पालाचलमा समिति के दुब्बामरका और सालातोंग गांव के ग्रामीणों का कहना है कि बोनस की राशि तो कभी मिली नहीं है लेकिन पिछले साल सरकारी समर्थन राशि 4 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं वहीं ठेकेदार द्वारा दिया जाने वाला 1500 आज तक नहीं मिला है। पालाचलमा और गोलापल्ली की समितियों में बीते साल राजनांदगांव के पत्ता ठेकेदार मनोज जैन ने ठेका लिया था। खरीदी के बाद शेष राशि देने की बात कही थी लेकिन आज तक नहीं मिला।
बोनस के खेल में फर्जी अंगूठे का कमाल, प्रबंधक मालामाल
तेंदूपत्ता बोनस वितरण में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। गरीब संग्राहकों की अज्ञानता और निरक्षरता का फायदा वन समिति प्रबंधक जमकर उठा रहे है। पड़ताल के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि कई संग्राहकों को पता ही नहीं है कि उन्हें कितनी राशि बोनस के रूप में प्राप्त हुई है। वहीं फर्जी अंगूठा लगाकर किसी की राशि को किसी को बांटा जा रहा है। उक्त जानकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने पत्रिका को दी है।
जांच टीम पहुंची, संग्राहकों कालिया बयान
CG News: तेंदूपत्ता बोनस वितरण में लगातार मिल रही शिकायत के बाद गुरुवार को जांच टीम गोल्लापल्ली पल्ली रेंज के वन समितियों में पहुंची। जांच टीम में दो एसडीओ पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। बता दें कि पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने तेंदूपत्ता बोनस राशि को गबन किए जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से जांच की मांग की थी। इसके बाद मामला प्रकाश में आया।