इसी के तहत शनिवार को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए सावंत ने ईसरदा बांध परियोजना के निर्माण कार्य, फिल्टर प्लांट साइट के कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही विभागीय अभियंताओं को कार्य प्रगति को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित परिवारों को भूमि आवंटन, पुनर्वास अवार्ड कार्य की पूर्णता को समयबद्ध सीमा में पूर्ण करने पर जोर दिया। भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, रेलवे एवं वन विभाग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर इनका शीघ्र समाधान किए जाने की बात कही।
इस दौरान उपखंड अधिकारी उनियारा शत्रुघन गुर्जर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजसिंह, अधीक्षण अभियंता टोंक राजेश गोयल, बीसलपुर परियोजना के अधीक्षण अभियंता मनोज सिंह, ईसरदा बांध के अधीक्षण अभियंता विजय शर्मा, अधिशाषी अभियंता विकास गर्ग, सहायक अभियंता अभिषेक लसाड़िया समेत अन्य मौजूद रहे।
प्रथम चरण में पूर्ण भराव स्तर 262 आरएल मीटर तक
ईसरदा बांध बीसलपुर बांध के डाउन स्ट्रीम में ग्राम बनेठा (तहसील उनियारा) टोंक के पास बनास नदी पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण दो चरणों में किया जाना है। प्रथम चरण में डेम का निर्माण पूर्ण भराव स्तर 262 आरएल मीटर (भराव क्षमता 10.77 टीएमसी) तक पूर्ण किया जाएगा। इसमें पानी का भंडारण 256 आरएल मीटर भराव क्षमता 3.24 टीएमसी है। दूसरे चरण में बांध में पूर्ण भराव क्षमता 262 आरएल मीटर तक पानी संग्रहित हो सकेगा। आगामी मानसून के दौरान बांध में जल संग्रहित किया जा सकेगा। इसके बाद दौसा जिले के 1 हजार 79 ग्राम और 5 शहरों तथा सवाई माधोपुर के एक शहर तथा 177 गांवों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी। यह परियोजना जल संकट समाधान के साथ बीसलपुर बांध के अधिशेष पानी और बनास नदी के बारिश के जल का कुशल प्रबंधन भी सुनिश्चित करेगी। साथ ही ईसरदा बांध से रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक परियोजना) के तहत अन्य बांधों को पेयजल के लिए आपूर्ति हो सकेगी।
अब तक हुई ये प्रगति
बांध निर्माण में ओवरफ्लो वाले भाग में स्पिलवेय ब्रिज में स्लैब निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। अभी तक 28 स्लैब डाली जा चुकी है। साथ ही 28 पियर्स वांछित ऊंचाई तक पूर्ण किए जा चुके है। बांध में 84 गर्डर लॉन्च किए गए है। बांध में 28 ब्लॉक एप्रेन के विरुद्ध 23 ब्लॉक एप्रेन का निर्माण किया जा चुका है। बांध में 28 पावर पैक रूम और 28 रेडियल गेट का निर्माण हो गया है। बांध में 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर भी लगाए जा चुके हैं।