इसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है। लोगों ने बताया कि गांव में विगत तीन चार वर्षों से नलों में तीन दिन में मात्र 15 मिनट पेयजल आपूर्ति हो रही है। इससे पर्याप्त पेयजल भी नही मिल रहा है।समस्याओं को लेकर उपखंड अधिकारी, जलदाय विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर समाधान की मांग कर चुके हैं, लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा नई बोरिंग करवा कर शीघ्र ही समस्या समाधान की बात कही जाती है । ग्रामीणों ने टैंकरों से जलापूर्ति की मांग की है।
जानकारी अनुसार कस्बे के मुख्य बाजार में एक दर्जन मोहल्लों में पेयजल आपूर्ति के लिए पहाड़ पर टंकी बना रखी हैं जिसमे बहुत पुराने समय से सीमेंट की पाइप लाइनों द्वारा घर-घर पेयजल आपूर्ति की जाती है। इस लाइन के पुरानी हो जाने से कही कही तो बिल्कुल पानी नहीं पहुंचता है। विद्युत मोटर के बिना तो घरों में पानी ही नहीं पहुंच पाता है।
नरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया पांच हजार से अधिक आबादी को भीषण जल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता का कार्यालय बन्द रहता है ।जिससे समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। मुख्य बाजार में तीन दिन में एक बार मात्र 15 मिनट पेयजल आपूर्ति होती है। एक किलोमीटर दूर एकलबिन्दु से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है।
टैंकर के दाम भी बढ़े
श्याम सिंह भाटी ने बताया कि पानी के लिए लोग महंगे दामों में टैंकर मंगवाकर काम चला रहे हैं। प्रति टैंकर भी 600 रुपण् हो गए हैं । ग्रामीणों ने समस्या के बारे मे विधायक विक्रम बंशीवाल और जिला कलक्टर को अवगत कराने का निर्णय किया है। कस्बे के मुख्य बाजार स्थित महात्मा गांधी विद्यालय में भी पानी की कमी होने से बालक घरों से बोतल भरकर लाते हैं।