scriptडॉक्टर डेथ के आश्रम में थी AC, Wi-Fi और CCTV समेत ऐशो आराम की सुविधाएं, 25 मई से करने वाला था ये काम | Dausa-Rajasthan Doctor Death had luxury facilities including AC Wi-Fi CCTV in ashram he was going to do this work from May 25 | Patrika News
दौसा

डॉक्टर डेथ के आश्रम में थी AC, Wi-Fi और CCTV समेत ऐशो आराम की सुविधाएं, 25 मई से करने वाला था ये काम

Doctor Death luxury life: दौसा जिले में गुढ़ाकटला के आश्रम में अपनी पहचान छिपाकर संत दयादास महाराज बनकर देवेंद्र शर्मा ऐशोआराम की जिंदगी जी रहा था। मंदिर में अपने निवास पर एसी, आरओ, वाटर कूलर, वाई-फाई और सीसीटीवी आदि सभी सुविधा लगा रखी थी।

दौसाMay 22, 2025 / 04:09 pm

Kamal Mishra

Doctor Death luxury life

घेरे में मौजूद डॉक्टर डेथ (फोटो- पत्रिका)

गुढ़ाकटला/बांदीकुई: डॉक्टर डेथ के नाम से मशहूर कई हत्याओं का आरोपी गुढ़ाकटला के रामेश्वरधाम मंदिर में अपनी पहचान छुपाकर एक संत के वेश में शाही जिंदगी जी रहा था। देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास संत बनने के बावजूद भी डॉक्टर देवेंद्र शर्मा मंदिर की परिक्रमा मार्ग में अपना अवैध क्लीनिक संचालित करता था। जयपुर से गुढ़ाकटला आने वाली राजस्थान रोडवेज की एक बस में मेडिकल दवाइयां मंगवाकर लोगों का उपचार करता था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि उपचार के दौरान दयादास महाराज के हाथों आधा दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी थी। संत दयादास के नाम से रह रहे किलर देवेंद्र शर्मा का आश्रम सभी सुविधाओं और संसाधनों से युक्त था। आश्रम में एसी, फ्रिज, एलईडी, गद्दे और जरूरत के सभी संसाधन मौजूद थे।

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मंदिर पर आने वाले लोगों को आध्यात्मिक प्रवचन देकर सम्मोहित करने वाला दयादास अपनी पहुंच मुख्यमंत्री और मंत्रियों तक बताता था। साथ ही गुढ़ाकटला में ही बालाजी वृद्ध आश्रम का उद्घाटन सीएम के हाथों करवाने की बात कर लोगों को प्रभावित करता था। अपने प्रभाव और राजनीतिक रसूख के लिए कई बार राजनेताओं के कार्यक्रमों में भी शामिल होता था।


कई वर्ष गुजारे बांदीकुई में


जानकारी के अनुसार, कई हत्याओं के आरोपी डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने साल 1985 से 1995 तक 10 वर्ष बांदीकुई में रहकर गुजारा, जिसके दौरान उसने बांदीकुई के सोनी मार्केट में जनता क्लीनिक नाम से एक क्लीनिक का संचालन किया, जिसे बाद में सिकंदरा रोड पर शिफ्ट कर लिया। लोगों ने बताया कि डॉक्टर ने 1992 में अपनी पत्नी रश्मि शर्मा के नाम से एलआईसी अभिकर्ता की एजेंसी भी ली थी, जिसमें उसने कई वर्षों तक कार्य कर खूब पैसा कमाया।
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डॉक्टर डेथ का आश्रम


देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास अपने अपराधिक षड्यंत्र के तहत गुढ़ाकटला कस्बे में वृद्ध आश्रम खोलने की योजना बना रहा था, जिसका उद्घाटन 25 तारीख को होना था। लेकिन उद्घाटन से पूर्व ही संत के वेश में छुपा अपराधी लोगों के सामने आ गया।


सेवा पूजा के बहाने रुका था मंदिर पर


कस्बे के बांदीकुई सड़क मार्ग पर स्थित रामेश्वरधाम मंदिर में सेवा पूजा के बहाने रुका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर पर पुजारी नहीं होने से स्थानीय लोगों को ही मंदिर की पूजा करनी पड़ती थी, जिसके चलते वे किसी पुजारी की तलाश कर रहे थे। ऐसे में गुढ़ाकटला मंदिर पर आए देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास ने मंदिर पर रहकर सेवा पूजा करने की इच्छा जाहिर की और सांसारिक जीवन से मुक्त होकर संत जीवन जीने की इच्छा जाहिर की।

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ऐसे में स्थानीय लोगों ने उसे मंदिर पर रहने की अनुमति दे दी। लेकिन धीरे-धीरे संत अपना जीवन भौतिक संसाधनों से युक्त करता गया एवं स्थानीय लोगों को भी अपने रसूख एवं प्रभाव को जाहिर करते हुए मंदिर पर धार्मिक आयोजन करता, जिससे लोग उसका भगवान के प्रति प्रेम देख अभिभूत हो जाते थे।
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डॉक्टर डेथ का आश्रम


देवेंद्र शर्मा गुढ़ाकटला मंदिर के परिक्रमा मार्ग में अपना क्लीनिक संचालित कर लोगों का उपचार भी करता था। संत के उपचार को कारगर मानकर लोग इलाज लेने आते भी थे, जिनसे वह काफी पैसा वसूलता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि दयादास महाराज के हाथों उपचार कराने वाले पांच-छह लोगों की मौत भी हो चुकी है।


तीन दशक पहले बांदीकुई में रहा था


दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का स्थाई निवासी है। उसके पिता बिहार के सीवान में एक दवा कंपनी में काम करते थे। साल 1984 में देवेंद्र ने बिहार से बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1985 में बांदीकुई आकर सोनी मार्केट में जनता क्लीनिक शुरू किया, बाद में सिकंदरा रोड पर शिफ्ट कर लिया।
क्लीनिक को करीब 11 साल तक चलाया। वर्ष 1992 में आरोपी ने पत्नी शिखा शर्मा के नाम से जीवन बीमा अभिकर्ता की एजेंसी भी ली थी, जिसमें खूब पैसा कमाया। 1994 में गैस डीलरशिप घोटाले में 11 लाख रुपये की ठगी के बाद उसे वित्तीय परेशानी हुई। 1995 में आपराधिक गतिविधियों की ओर रुख किया और कथित तौर पर एक फर्जी गैस एजेंसी का संचालन करना शुरू कर दिया था।

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