जानकारी के अनुसार 19. 5 मीटर गहरी वर्गाकार आभानेरी की चांद बावड़ी देश की प्राचीन एवं सुसज्जित बावड़ियों में से एक है। जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जयपुर मण्डल का संरक्षित स्मारक है। इसमें तीन तरफ सीढिय़ां एवं एक तरफ महलनुमा संरचना बनी हुई है। जो काफी समय से पर्यटकों के लिए बंद थी। ऐसे में विभाग की ओर से इसके अन्दर प्राचीन तरीके से संरक्षण कार्य कराया गया है। इसके बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
पर्यटक इसके अन्दर जाकर बावड़ी का अधिक नजदीक से दीदार कर सकते है। सुरक्षा की दृष्टि से गार्ड तैनात है एवं सूचना बोर्ड भी लगाए गए है। गौरतलब है कि चांदबावड़ी विदेशी एवं भारतीय सैलानियों के आर्कषण का केन्द्र है। पर्यटन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष नवरात्र में आभानेरी फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है।
प्राचीन पद्धति से किया संरक्षण कार्य
चांदबावड़ी में बरामदे का एक हिस्सा गिर गया था। इसका पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है।वहीं महलनुमा संरचना व अन्य जगह भी संरक्षण कार्य कराया गया है। यह कार्य तय मानकों के अनुसार कराए गए है। इसमें प्राचीन समय में प्रयुक्त बेलगिरी, गोंद व गुड़ आदि के मिश्रण का प्रयोग किया है।
समीप स्थित है हर्षद माताजी का मन्दिर
चांद बावड़ी के पास ही हर्षद माताजी का मंदिर स्थित है। यह मंदिर महामेरू शैली में बना हुआ है। उसका मंडप एवं गर्भगृह दोनों ही गुम्मदाकार एवं छतयुक्त है। मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनी हुई है।