मेहंदीपुर बालाजी में धरने पर बैठे लोग। फोटो: पत्रिका
Mehandipur Balaji: दौसा। धार्मिक नगरी मेहंदीपुर बालाजी में बुधवार का दिन बालाजी दर्शनार्थ श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का दिन रहा। बालाजी व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों द्वारा बिजली व्यवस्था को ठीक करने के लिए बालाजी का मुख्य बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन किया। कई महीनों से परेशानी का सबब बनी बिजली की गड़बड़ाती व्यवस्था की शिकायत निगम अधिकारियों कों करने के बाद भी जब इस समस्या का कोई समाधान नही निकला तो लोगों ने बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सुबह सात बजे से ही स्थानीय लोग मुय बाजार में बीच सड़क पर धरना देकर सिकराय विधायक और एसडीएम को बुलाने की मांग पर अड़ गए। तीन घंटे बाद जब सिकराय तहसीलदार हेमेंद्र मीणा बिजली निगम के अधिकारियों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। तो उमस भरी गर्मी में पसीने से तरबतर धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने खरी-खोटी सुनाई।
सभी ने सिकराय विधायक विक्रम बंशीवाल को बुलाकर उनसे बिजली, सफाई और पानी की व्यवस्थाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन लेने की बात कही। इस दौरान बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान भी धरना स्थल पर लोगों से बात कर उच्चाधिकारियों को जानकारी देते रहे।
सिकराय विधायक ने सुनी लोगों की समस्याएं
करीब एक बजे सिकराय विधायक विक्रम बंशीवाल और करौली जिलों के अधीक्षण अभियंताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों की समस्याएं सुनी। उन्होंने धरने पर बैठे लोगों की सभी समस्याओं को सुनकर तत्काल समाधान का आश्वासन दिया।
अलग से बनाया जाएगा जीएसएस
विधायक ने बताया कि मेहंदीपुर बालाजी में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अलग से जीएसएस बनाया जाएगा। साथ ही मुख्य बाजार सहित अन्य जगहों पर झूलते तार, लाइन फॉल्ट, डाउन वोल्टेज आदि समस्याओ का भी तुरंत निस्तारण करने के लिए बिजली निगम अधिकारियों को निर्देश दिए।
जमीन स्वीकृत कर मौके पर ही एनओसी जारी
इधर जीएसएस बनाने के लिए उदयपुरा और मीना सीमला ग्राम पंचायतों ने भी ने जमीन स्वीकृत कर मौके पर ही एनओसी जारी की। विधायक द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया। इस दौरान अधीक्षण अभियंता एम एल मीणा, मानपुर सीओ दीपक मीना, बालाजी थानाधिकारी गौरव प्रधान सहित करौली और दौसा जिले के बिजली निगम के कर्मचारियों के साथ सैकड़ों स्थानीय लोग मौजूद रहे।
मुख्य बाजार बंद होने के बाद बालाजी दर्शन करने के लिए आए श्रद्धालु मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसते दिखे। ऐसे में धरना समाप्त होने के बाद सबसे बड़ी राहत की सांस श्रद्धालुओं के लिए रही।