करीब 5-7 माह से राजेन्द्र उर्फ शिवदास महाराज पुत्र भगवानसहाय निवासी लालावाला भी मंदिर में बनी अलग कुटिया में रहकर पूजा अर्चना करता था। पूजा अर्चना की बात को लेकर परसराम दास के पेट में चाकू से वार कर शिवदास महाराज अपने वाहन से भाग गया। इसके बाद कांस्टेबल बनेसिंह की अहम भूमिका के साथ पुलिस टीम ने आरोपी को एक घंटे बाद ही डिटेन कर लिया। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार भी कर लिया है।
साधुओं के बीच हुए विवाद में एक वृद्ध साधु की हत्या के बाद मिले तथ्यों से यह जाहिर होता है कि आरोपी ने इस घटना को पूरी तरह सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। ग्रामीणों ने बताया कि हत्या का आरोपी शिवपाल वृद्धि साधु परशुराम दास महाराज को काफी परेशान करता रहता था एवं उसकी कार्यशैली से भी काफी परेशान थे।
उन्होंने इस बारे में कई बार स्थानीय ग्रामीणों को भी जानकारी दी लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया, इसके चलते संत परशुराम दास को जान गंवानी पड़ी है। इसके अलावा यह भी जानकारी मिली है कि हां आरोपी ने घटना से पूर्व मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी बंद कर दिया।
इससे जाहिर होता है कि उसने अपनी करतूत को छुपाने के लिए पहले ही योजना बनाते हुए में सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया। सीसीटीवी बंद करने के बाद आरोपी संत ने परशुराम दास पर चाकू से निर्ममता पूर्वक वार कर दिया। इससे उनके पेट की आंतें ही बाहर निकल आई। घटना के बाद आरोपी कार से भाग छूटा, लेकिन लालसोट पुलिस ने सजगता दिखाते हुए उसे करीब एक घंटे के दौरान ही सवाई माधोपुर रोड पर दबोच लिया।
एडिशनल एसपी दिनेश अग्रवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टा जानकारी मिली है कि इन दोनों संतों के बीच आरती के दौरान कुछ विवाद हुआ है। इसके बाद आरोपी संत शिवपाल ने चाकू से संत परशुराम दास पर वार कर दिया। जिससे गंभीर रूप से घायल होकर दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इस बात की संभावना है कि दोनों संतों के बीच मंदिर में वर्चस्व को लेकर लडाई थी। इसके चलते यह घटना हुई है।
अनुसंधान के बाद ही घटना के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखने पर यह पता चला है कि आरोपी ने घटना से पहले सीसीटीवी कैमरे को भी बंद कर दिया। जिससे ही यह जाहिर होता है कि आरोपी ने इस बारे में पहले से ही विचार किया होगा।