मार्च में दर्ज कराई गई थी शिकायत
5 मार्च 2025 को वर्तमान मैनेजर विजय पाल सिंह ने कोटद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पूर्व पदाधिकारियों पर बड़े पैमाने पर वित्तीय गबन के आरोप लगाए गए थे। शिकायत पर मु.अ.सं. 70/2025, धारा 420 और 406 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई। एसएसपी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह और सीओ निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवर के नेतृत्व में इस टीम ने गहन पड़ताल की।
जांच में हुआ खुलासा
जांच में पाया गया कि पेट्रोल पंप, बिल्डिंग रिपेयर, कंप्यूटर मेंटेनेंस, बिजली-पानी, पूजा-दान जैसे मदों में फर्जी बिल तैयार कर 2.48 करोड़ रुपए से अधिक की राशि गबन की गई। इसके अलावा मृत कर्मचारियों को जीवित दिखाकर उनके नाम पर वेतन भी निकाला गया। भुगतान के लिए फर्जी हस्ताक्षर किए गए।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पूर्व जनरल मैनेजर ऊषा सजवान, पूर्व कैशियर अश्वनी रावत, सहायक लेखाधिकारी मंजीत सैनी, चेकिंग सेक्शन बाबू अशोक कुमार, सहायक कैशियर मुकेश कुमार, कार्यवाहक कैशियर राजेश चंद्र बुडाकोटी, पेट्रोल सेक्शन क्लर्क वीरेंद्र खंतवाल और बिल लिपिक राकेश मोहन त्यागी शामिल हैं। इन सभी को बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने कहा, “यह एक सुनियोजित और विस्तृत आर्थिक अपराध था। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच आगे भी जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”