दोस्त ने पहुंचाया अस्पताल, पर नहीं बची जान
भूपेंद्र के बेहोश होने के बाद उसके दोस्त विवेक ने उसे तुरंत बस में बैठाकर तल्लीताल पहुंचाया। वहां से एक कार का इंतजाम करके वह भूपेंद्र को मल्लीताल स्थित बीडी पांडे अस्पताल ले गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने भूपेंद्र को मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, भूपेंद्र की मौत का मुख्य कारण समय पर इलाज न मिल पाना था, क्योंकि उसे दिल का दौरा पड़ा था और अस्पताल पहुंचने तक उसकी जान जा चुकी थी।कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
हार्ट अटैक (हृदयघात) तब होता है जब हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता और हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है, जिससे सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ़ होती है।वहीं, कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है और व्यक्ति तुरंत बेहोश होकर सांस लेना बंद कर देता है।