ठेकेदारों ने किया नियम का उल्लंघन
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह मलवा निर्माण कार्य के दौरान बाहर निकाले गए मलबे का परिणाम था, जिसे ठेकेदारों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए सड़क किनारे जंगलों में डाल दिया था। बारिश के पानी के साथ बहता हुआ मलवा सड़क पर आ गया, जिससे आवागमन बंद हो गया है। यह पहली बार नहीं है, जब भारी बारिश के बाद मसूरी-देहरादून मार्ग पर मलबा आने की समस्या सामने आई है। पिछले साल भी ऐसी ही बारिश के दौरान मलबा सड़क पर आ गया था और मार्ग कई घंटों तक बंद रहा था।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय लोगों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदारों को सड़कों के किनारे मलबा डालने की छूट मिल जाती है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। उनका कहना है कि यदि समय रहते नालों और सड़कों की सफाई नहीं की जाती, तो आने वाले बारिश के मौसम में और भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शहरवासी परेशान
स्थानीय नागरिकों ने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है कि मसूरी के कई प्राकृतिक नाले मलबे से भरे हुए हैं। यदि इन नालों की समय पर सफाई नहीं की गई, तो आगामी बारिश के सीजन में भारी नुकसान हो सकता है, जिससे शहरवासियों को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों ने लोक निर्माण विभाग और संबंधित अधिकारियों से अपील की है कि वे समय रहते सड़क किनारे जमा हुए मलबे को हटाने की व्यवस्था करें और नालों की सफाई को प्राथमिकता दें, ताकि आने वाले बारिश के मौसम में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।