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जिस जमीन पर बनना था अस्पताल वहां बन गया मंदिर, BJP नेताओं की गुटबाजी में जनता को घाटा!

health project: देवास में सयाजी द्वार के पास स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर वर्षों पुराना 10 करोड़ का स्वास्थ्य प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में। अब यहां चाट ठेले और सियासी खींचतान हावी।

देवासJun 04, 2025 / 02:55 pm

Akash Dewani

10 crore health project on the land of the Health Department near Sayaji Gate in Dewas is in cold storage due to political tussle between mp and mla of BJP
health project: स्वास्थ्य विभाग परिसर की सयाजी द्वार के समीप स्थित जिस भूमि को लेकर पिछले दो दिन से सोशल मीडिया पर सांसद सवाल उठा रहे हैं। उस जमीन पर कभी ओपीडी व पैथोलॉजी बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया गया था। करीब 10 करोड़ के प्रोजेक्ट को प्रारंभिक स्वीकृति भी मिली थी लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद इस जमीन के उपयोग को लेकर कोई नई कवायद नहीं हो सकी। फिलहाल यहां चाट-चौपाटी का संचालन हो रहा है।

विवादित जमीन पर बनना था ओपीडी और पैथोलॉजी

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग की खाली जमीन पर ओपीडी, पैथोलॉजी सहित स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यालय बनाने के लिए करीब 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव विधायक गायत्रीराजे पवार ने भेजा था। इसके बाद इस प्रोजेक्ट को प्रारंभिक स्वीकृति मिली थी। प्रोजेक्ट के तहत इस जमीन के आधे हिस्से में कार्य होना प्रस्तावित था।
इसके बाद प्रोजेक्ट को प्रशासकीय स्वीकृति मिलना थी लेकिन बाद में मामला फाइलों में दब गया। ऐसे में अब तक इस जमीन का कोई खास उपयोग नहीं हो पा रहा है। पहले चरण के कार्यों के बाद यहां की बाकी जमीन पर रिडॅसिफिकेशन स्कीम के तहत कार्य करने की भी योजना बनाई गई थी। हालांकि यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया।
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15 साल पहले बनी योजना

उल्लेखनीय है कि कलेक्टोरेट के सामने स्वास्थ्य विभाग की की भूमि पर पहले डॉक्टर्स व कर्मचारियों के क्वार्टर बने हुए थे। करीब 15 वर्ष पहले यहां शॉपिंग व आवासीय कॉप्लेक्स बनाने की योजना बनी थी लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इसके कुछ साल बाद हाउसिंग बोर्ड की योजना के तहत यहां फिर से आवास व शॉपिंग कॉप्लेक्स की योजना बनाई गई थी। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड ने सर्वे कर फाइल शासन को भेजी थी। हालांकि इस प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी नहीं मिल सकी।

बड़ी संख्या में लगते हैं चाट-चौपाटी के ठेले

वर्तमान में उक्त भूमि पर शहर की एकमात्र चाट-चौपाटी संचालित हो रही है। यहां बड़ी संया में व्यंजनों के ठेले लगते हैं और बड़ी संख्या में शहरवासी यहां पहुंचते हैं। ऐसे में अगर इन ठेलों को कहीं शिट किया जाता है तो दूसरी ऐसी कोई जगह नहीं है जहां चाट-चौपाटी संचालित हो सके। सूत्रों की माने तो ठेला लगाकर जीवन यापन करने वालों को यहां से शिट करने की फिलहाल किसी की मंशा नहीं है।

सांसद ने फिर लिखा सभापति को पत्र

स्वास्थ्य परिसर में पूर्व में एक शिव मंदिर था। उस जगह नगर निगम सभापति रवि जैन की संस्था सिद्धिविनायक द्वारा नया मंदिर बनाया गया है जहां आगामी दिनों में भगवान शिव, गणेजी व राधाकृष्ण की स्थापना होनी है। इसी को लेकर पिछले तीन दिन से सांसद व सभापति के बीच खींचतान चल रही है। सोशल मीडिया पोस्ट के बाद सोमवार को दोनों ने एक-दूसरे को पत्र लिखे थे। इसके बाद मंगलवार को फिर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने सभापति जैन के नाम पत्र लिखकर जवाब दिया। इसमें सांसद ने लिखा कि भगवान गजानन की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए एक लाख रुपए की जो राशि मैंने अर्पित की थी वो आपने नगर निगम सभापति होने की हैसियत लेने से इंकार कर दिया।
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सांसद ने कसा तंज

पत्र में सांसद ने तंज कसा कि मुझे इस बात की पुता जानकारी है कि नगर निगम सभापति होने के बाद आपकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो गई है। उक्त राशि मेरे द्वारा भगवान श्री सिद्धिविनायक के चरणों में अर्पित की गई थी जिसे लेने से इंकार करने का आपके पास कोई अधिकार नहीं है। सांसद ने लिखा कि निवेदन करता हूं कि नवनिर्मित मंदिर को सुरक्षित और यथावत छोड़कर शेष शासकीय भूमि पर आप, आपका कोई साथी अवैध कब्जा नहीं करेगा और न करवाएगा। मेरे लिए 101 किलो लड्डू भगवान गजानन के चरणों में अर्पित करने के साथ इस बात का भी संकल्प लेना कि आप, आपके साथी और आपके राजनीतिक आका उस भूमि पर न तो अवैध कब्जा करेंगे और न किसी अन्य के माध्यम से करवाएंगे।

प्रस्ताव भेजा है

रिडेंसिफिकेशन स्कीम के तहत ओपीडी, पैथोलॉजी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कार्यालय के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।- अभिषेक शर्मा, सीईओ, देविप्रा

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