वैध दस्तावेजों के बाद किया जायेगा अपडेट
वैध दस्तावेजों के सत्यापन के बाद वोटर लिस्ट को अपडेट किया जायेगा। बिहार में 22 साल बाद मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण हो रहा है। इससे पहले 2003 में हुआ था। चलिए तो आपको बताते हैं कि चुनाव आयोग की टीम आपसे क्या क्या दस्तावेज दिखाने को कह सकती है?
ये करने होंगे काम
चुनाव आयोग की ओर से इसको लेकर एक गाइड लाइन भी जारी किया गया है। इसके अनुसार बीएलओ 27 जुलाई तक मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। इसके लिए प्रत्येक वोटर को एक फॉर्म भरना होगा। यह फॉर्म बीएलओ की ओर से प्रत्येक मतदाताओं को दिया जायेगा। मतदाताओं फॉर्म को भरकर बीपीएल को वापस दे सकते हैं या फिर निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी अपलोड कर सकते हैं।
मतदाताओं को करने होंगे ये काम
1 जुलाई 1987 से पहले जन्में लोगों को करना होगा ये काम वे मतदाता जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 के पहले भारत में हुआ है उनको अपनी जन्म तिथि या स्थान की सत्यता स्थापित करने के लिए कोई एक वैध दस्तावेज फॉर्म के साथ लगाना होगा। जिन मतदाताओं का जन्म 1 जुलाई 1987 से 204 के बीच हुआ है उन्हें अपने साथ साथ अपने माता पिता के भी एक वैध दस्तावेज अपने फॉर्म के साथ लगाने होंगे। 02 दिसंबर 2004 के बाद भारत में जन्मे मतदाताओं को अपने साथ साथ अपने माता पिता का भी वैध दस्तावेज देने होंगे। अगर माता- पिता में से कोई भी भारतीय नहीं हैं तो उन्हें माता पिता में से किसी एक के पासपोर्ट का वैध दस्तवेज दिखाना होगा। जानें कौन से दस्तावेज होंगे मान्य-
- कोई भी पहचान पत्र या केंद्र/राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों अथवा पेंशनभोगियों को मिलने वाला पेंशन भुगतान आदेश
- 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र/प्रमाण पत्र/सरकार, स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी या पीएसयू द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या बोर्ड द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र या मैट्रिक का सर्टिफिकेट
- राज्य सरकार की किसी संस्था द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण पत्र
- ओबीसी, एससी या एसटी का जाति प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- राज्य सरकार या स्थानीय निकाय का फैमिली रजिस्टर
- सरकार द्वारा जारी किसी जमीन या घर
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