महापौर ने बताया कि डागा धर्मशाला नगर निगम की संपत्ति है। वर्ष-1923 में एक संस्था को इसे 1 रूपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से 90 साल के लिए लीज में दिया गया था। वर्ष-2013 में लीज की समय-सीमा समाप्त हुई। इसके बाद से हाईकोर्ट में मामला पेंडिंग था। कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया। विधिवत प्रक्रिया के बाद जर्जर डागा धर्मशाला को जेसीबी चलाकर ढहा दिया गया है।
बताया गया कि वर्ष-2018 में संबंधित संस्था को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद लगातार 15 से 20 बार नोटिस जारी हुआ, लेकिन संबंधित पक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
Bulldozer Action: 102 साल पुराना है इतिहास
डागा धर्मशाला का इतिहास 102 साल पुराना है। आजादी के पूर्व बनाए गए डागा धर्मशाला
धमतरी की पहचान थी। बाहर से आने वाले मुसाफिरों को यहां सस्ते दर पर रूकने की व्यवस्था दी जाती थी। लीज की समाप्ति के बाद निगम प्रशासन के इंजीनियरों की टीम ने निरीक्षण कर इसे जर्जर घोषित किया था।
डागा धर्मशाला की भूमि करीब 50 हजार फीट है। डागा धर्मशाला का कुछ और एरिया अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है। बताया गया है कि इसे भी अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए निगम प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।