CG Election 2025: स्क्रूटनी में रद्द हो गया नामांकन
बता दें कि स्क्रूटनी में कांग्रेस के अधिकृत मेयर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द हो गया। कांग्रेस की ओर से विजय के अलावा किसी दूसरे को मजबूत डमी प्रत्याशी नहीं बनाया गया। तब कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने तिलकराज सोनकर के नाम को आगे रखकर अपना डमी प्रत्याशी बताया था। गुरूवार को पार्टी के लोग तिलक को रायपुर पीसीसी की बैठक में भी लेकर गए।CG Election 2025: नगरीय निकाय में महापौर बनने के लिए 5 प्रत्याशियों में सिर्फ 2 ही करोड़पति, यहां जानें किसकी-कितनी संपत्ति?
तिलक को कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी बनाने की चर्चा रही। इधर शुक्रवार को तिलकराज सोनकर सुबह 11 बजे नगर निगम पहुंच गए। कांग्रेस से उन्हें बी-फार्म मिलने की पूरी उम्मीद थी। अंतिम समय तक वे डटे रहे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें बी-फार्म नहीं दिया। इधर विपक्ष की नजर भी तिलकराज सोनकर पर टिकी थी। उन्हें भी रिझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे बी-फार्म के इंतजार में आखिरी तक बैठे रहे। इधर दोपहर 1.30 बजे रामू रोहरा निर्दलीय प्रत्याशी रंजीत छाबड़ा के साथ ऑटो में सवार होकर निगम पहुंचे। रंजीत छाबड़ा ने कहा कि मैं भाजपा का सक्रिय सदस्य रहा हूं। मेरी विचारधारा भाजपा से जुड़ी हुई है।मेयर के 8 और पार्षद के 116 प्रत्याशी मैदान में
नाम वापसी और स्क्रूटनी के बाद नगर निगम धमतरी के निकाय चुनाव में चुनाव लड़ने वालों के चेहरे स्पष्ट हो गए हैं। पूर्व में मेयर के लिए 14 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। नाम वापसी के बाद अब 8 ही रह गए हैं। इनमें भाजपा से जगदीश रामू रोहरा, हमर राज पार्टी से महेश रावटे, जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से महेश कुमार साहू, बसपा से आशीष रात्रे, समाजवादी पार्टी से फिरोज खान तथा निर्दलीय प्रत्याशियों में तिलकराज सोनकर, अवैश हाशमी, गगन कुंभकार शामिल हैं। इधर शहर के 40 वार्डों में चुनाव लड़ने 165 लोगों ने नामांकन जमा कराया था। अब नाम वापसी के बाद 116 पार्षद प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं।नपं अध्यक्ष के 15, 186 पार्षद प्रत्याशी लड़ रहेे चुनाव
धमतरी नगर निगम के साथ ही 5 नगर पंचायतों में भी चुनाव होना है। नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 15 और पार्षद के 186 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। कुरुद नगर पंचायत के 15 वार्डों के लिए 37, नगरी में 42, मगरलोड में 46, भखारा में 30 और आमदी में 31 पार्षद प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।तिलकराज सोनकर, मेयर प्रत्याशी भाजपा को जनता का प्यार और कांग्रेस को जनता की दहशत है। कांग्रेस ने अपना हाथ यहां से खींच लिया है। कांग्रेस के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना, खुद की फार्मेलिटी पूरी नहीं करना। इसके बाद कांग्रेस के एक अन्य केंडीडेट को बी-फार्म नहीं देना ये सिद्ध करता है कि कांग्रेस यहां चुनाव नहीं लड़ना चाहती।