टेक्निकल स्वीकृति के बाद प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने की जानकारी अधिकारी दे रहे हैं। नालंदा परिसर निर्माण से छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मदद मिलेगी। वे हर विशेष परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकेंगे।
बता दें कि वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र-छात्राएं जिला ग्रंथालय पर निर्भर है। ग्रंथालय में प्रतिदिन 200 युवक-युवतियां अध्ययन करने के लिए आते हैं। यहां प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित 18500 पुस्तकें उपलब्ध है। ए-सीरिज के 5246 पुस्तकें है। जिला ग्रंथालय में पुराने लेखकों के पुस्तकें तो उपलब्ध हैं, लेकिन नई लेखकों के पुस्तकों की कमी है। हाईटके सुविधा नहीं मिलने से छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं को नालंदा लाइब्रेरी बनने का बेसब्री से इंतजार है।
महापौर रामू रोहरा ने बताया कि पीएससी व यूपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नालंदा परिसर में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
लागत ज्यादा होने से बदला स्थान
बता दें कि निगम प्रशासन द्वारा पूर्व में नालंदा परिसर के लिए कचहरी चौक स्थित खैइया का चयन किया गया था। महापौर के निरीक्षण के बाद यहां सीमांकन कार्य भी पूरा कर लिया था। निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने बताया कि खैइया में नालंदा परिसर निर्माण में लागत ज्यादा आ रही थी।
डबरीनुमा होने के कारण यहां पानी भरने की संभावना बनी हुई थी। स्थिति को देखते हुए ही स्थान परिवर्तन किया गया है। हटकेशर वार्ड में 1 एकड़ की शासकीय भूमि का चयन किया गया है। अब इसी स्थान पर
नालंदा हाईटेक लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गई है।