बदनावर-उज्जैन फोरलेन पर वाहन तेजी गति से दौड़ रहे हैं। सडक़ खाली होने पर अनुमान के मुताबिक यहां 80 से 100 की स्पीड में वाहन गुजरते हैं। इस कारण जब कोई वाहन सामने से आता है तो फिर एक्सीडेंट हो जाता है। बुधवार रात्रि में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब भीषण सड़क हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई।
खास बात यह है कि बदनावर-उज्जैन फोरलेन को चालू हुए बड़ी मुश्किल से 70 दिन हुए हैं, जिसमें रोजाना कोई न कोई दुर्घटना होने से लोगों की जान जा रही है। यहां अभी तक 17 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 30 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
रोड पर हो रहे हादसों की पत्रिका ने पड़ताल की तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया। 68 किमी के पूरे रास्ते में सभी दुर्घटनाएं मात्र बदनावर से पंचकवासा के 12 किलोमीटर के दायरे में हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेशनल हाईवे पर हर एक दो दिन में निरंतर दुर्घटनाएं घटित हो रहीं हैं। अभी तक 70 दिनों में 17 से अधिक व्यक्ति अपनी जान गवां चुके हैं।
बदनावर फोरलेन पर कश्यप फैक्ट्री के ब्रिज पर भीषण सडक़ दुर्घटना हो गई तब भी यहां रात्रि के समय लाइट बंद मिली। बदनावर से बडनग़र के बीच कई ओवरब्रिज बने हैं। वाहनों के चढऩे और उतरने के लिए सडक़ का लेवल ऊपर और ढलान वाला है। इस वजह से वाहन तेज स्पीड में गुजरते हैं। वहीं किसी वाहन को यदि टर्न लेना है, तो फिर हादसे की आशंका बन जाती है। वाहनों की गति को कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर अथवा संकेतक नहीं लगाए गए हैं।
बड़े हादसे के बाद प्रशासन भी हरकत में आया। गुरुवार दोपहर को धार से एसपी मनोज कुमार सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। इनमें एनएचआई, एमपीआरडीसी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी शामिल थे। धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि घटनास्थल का दौरा कर कारणों का पता लगाया है। टैंकर के चालक की गल्ती से इतना बड़ा हादसा हुआ है। पुलिस ने चालक सहित उसके मालिक को आरोपी बनाया है। केस दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। सडक़ पर वाहनों की गति कम करने के लिए रंबल ब्रेकर लगाने के निर्देश दिए हैं।