आराम करने की दी थी समझाइश
मृतक के बैटे पीयूष सांकला ने मीडिया को बताया कि, मैं राजोद एक कार्यक्रम में गया था, जहां से लौटकर देखा कि, पिता जी रस्सी पर लटके हुए थे, कई दिनों से उन्हें नगर परिषद द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। वे घर आकर बताते थे कि, दरोगा और सीएमओ उन्हें कितना परेशान कर रहे हैं। हमने उनकी मानसिक पीड़ा को देखते हुए कहा था कि, आप दो-चार दिन घर में आराम करो, भले ही फिर चले जाना। अकसर वो अदिकारियों की प्रताड़ना से काफी मायूस हो जाते, जिसपर परिवार के लोग उन्हें हमेशा कोई गलत कदम न उठाने की समझाइश देते रहते थे।पीयूष के अनुसार, पहले भी उन्हें परेशान किया गया था। 25 मई को सीएमओ से बात करने पर मामला शांत हो गया था। उस समय भी वो संभवत ऐसा कदम उठाने वाले थे। पहली पर्ची उसी समय की है। लेकिन, उस समय सब शांत हो गया था। पर सीएमओ और दरोगा दोबारा परेशान करने लगे थे। बगैर लेटर के फिल्टर प्लांट पर लगा लिया गया था। फिर लेटर देकर कचरा गाड़ी पर बुला लिया। पापा ने उसका विरोध करते हुए कहा था कि, उन्हें बार-बार इधर से उधर न करें। इसी बात पर बहस हुई थी, काम को लेकर प्रेशर डाला जाता था।