मामले में शुक्रवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा सुनवाई करते हुए आरोपी रणजीत पिता रामचंद्र चौधरी (36) और जितेंद्र पिता बाबूलाल चौधरी (40) निवासी खंडवा थाना सागौर को लूट, हत्या सहित पुलिस को गुमराह और चोरी का माल छुपाने जैसे अपराधों का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 4000-4000 रुपए का अर्थदंड लगाया।
ये है पूरा मामला
उप संचालक लोक अभियोजक टीसी बिल्लौरे के मुताबिक ग्राम खंडवा में कौशल्याबाई पति रामचंद्र (65) के पैरों को किसी अज्ञात व्यक्ति ने काट दिया था। घटना के वक्त महिला का पति खेत पर गया था। घर पर बेटा और मां ही थे। बहाना बनाकर आरोपी रणजीत ने अपनी मां को पानी की टंकी देखने के लिए पहली मंजिल पर बने कमरे में बुलाया। यहां रस्सी हाथ में लेकर मां का गलाघोंट दिया। इसके बाद दोस्त जितेंद्र को बुलाया। जिसने चारा काटने वाले फरसे से महिला के दोनों पैरों को टखने के पास से काट कर अलग कर दिया। मृतका ने दोनों पैरों में एक-एक किलो के चांदी के कड़े पहन रखे थे। उन्हें निकाल लिया, गले से मंगलसूत्र, सोने की चेन और पेटी में रखे 50 हजार रुपए चुरा लिए थे। हालांकि बदमाश इस माल को बेच नहीं पाए। घर के अंदर ही कंड़ों की आड़ में पोटली में बांधकर चोरी का माल छुपा दिया था। वहीं खून से सने कपड़े बाड़े में लेकर छुपा दिए।
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आरोपियों ने महिला की हत्या सुबह 7.15 बजे घर के अंदर कर। उस वक्त केवल मृतका और दोनों आरोपी ही घर पर थे। रणजीत ने बाहर निकल कर अफवाह फैला दी कि किसी चोर ने उसकी मां के पैर काट दिए और आभूषण चोरी कर फरार हो गया। मोहल्ले में सभी लोग घबरा गए। सुबह 9.30 बजे के लगभग पिता आए तो उन्हें भी यही बात बताई। महिला घर के अंदर सीढिय़ों के पास लहूलुहान हालत में पड़ी थी। जिसे बड़ा लडक़ा अनिल इलाज के लिए महू लेकर पहुंचा। लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।
सीसीटीवी कैमरे और डीएनए टेस्ट से खुला राज
पुलिस द्वारा केस में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की खोजबीन शुरु की। आसपास पूछताछ करने पर आरोपियों का कोई पता नहीं चला। बाद में मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किया। इसमे दोनों आरोपियों की गतिविधियां संदिग्ध दिखाई दी। पुलिस ने आरोपी रणजीत और जितेंद्र से अलग-अलग पूछताछ की। जिसमें उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार किया। बाद में इनकी निशानदेही से चोरी का माल और खून से सने कपड़े आदि बरामद किए। आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया। खून के निशान से सैंपल मैच होने पर मर्डर की बात पुता हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से 17 साक्षियों के बयान कराए।