दरअसल, यह संवाद 27 मार्च, 28 मार्च और 3 अप्रैल को नए कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन में अलग-अलग सत्रों में आयोजित होगा। इस दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे।
राजस्थान कांग्रेस के संगठन महामंत्री ललित तूनवाल ने जानकारी दी कि राजस्थान के कांग्रेस जिलाध्यक्षों से 3 अप्रैल को सीधा संवाद होगा। उन्होंने बताया कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व 2025 को संगठन को समर्पित वर्ष के रूप में देख रहा है। इसलिए संगठनात्मक गतिविधियों को तेज कर पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा रहा है।
संगठन को पुनर्जीवित करने की रणनीति
ललित तूनवाल ने कहा कि इस अधिवेशन में पार्टी के जिलाध्यक्षों को मजबूत करने और बूथ लेवल तक संगठन को सक्रिय करने की रणनीति पर चर्चा होगी। लंबे समय के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व और जिलाध्यक्षों के बीच सीधा संवाद होने जा रहा है, जिससे पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिलाध्यक्ष संगठन की सबसे मजबूत कड़ी होते हैं, और हाईकमान उन्हें ज्यादा अधिकार देकर ग्रेसरूट लेवल पर पार्टी को मजबूत करना चाहता है।
कांग्रेस हाईकमान का ये है मास्टर प्लान
कांग्रेस नेतृत्व यह मानता है कि विपक्ष में रहते हुए संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद जिलाध्यक्षों की भूमिका कम हो जाती है। इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य जिलाध्यक्षों को फिर से सशक्त बनाना और उन्हें निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता देना है। कांग्रेस पार्टी ने बैंगलूरू के अधिवेशन में इस साल (यानि 2025) को संगठन को मजबूत करने का साल घोषित किया है। बताया जा रहा है कि जिलाध्यक्षों के इस अधिवेशन से भविष्य की चुनावी रणनीति भी तय होगी।
40 साल बाद होगा जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद
पार्टी सूत्रों के मुताबिक करीब 40 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से जिलाध्यक्षों के साथ सीधा संवाद किया जा रहा है। इससे यह साफ है कि पार्टी अब नीचे से ऊपर तक संगठन को नए सिरे से मजबूत करना चाहती है। यह इस बात का संकेत है कि कांग्रेस अब संगठन की जड़ों को मजबूत कर लोकसभा चुनाव 2024 और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए खुद को पूरी तरह तैयार कर रही है।