शंख बजाने का धार्मिक महत्व
भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा- धार्मिक मान्यता है कि शंख की ध्वनि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अतिप्रिय है। जहां भी शंख बजता है वहां भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी का वास होता है। इसे बजाने से घर में सुख, समृद्धि और धन-वैभव का आगमन होता है। नकारात्मक ऊर्जा का नाश- जिस घर में या जहां पूजा-पाठ में शंख बजता है वहां नकारात्मक शक्तियों दूर होती हैं। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूजा में अनिवार्यता- मान्यता है किसी भी कथा में या खासकर भगवान विष्णु की पूजा या यज्ञ में शंखध्वनि का उपयोग अनिवार्य होता है। क्योंकि शंखनाद पूजा को पूर्णता प्रदान कराता है।
मंगल कार्यों की शुरुआत- किसी भी शुभकार्य की शुरुआत के लिए शंखध्वनि को बहुत शुभ माना गया है। क्योंकि इसकी ध्वनि सफलता और शुभता का प्रतीक मानी जाती है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार- धार्मिक मान्यता है कि शंख की ध्वनि तरंगें मनुष्य के मस्तिष्क और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। साथ ही यह मन को ध्यान को एकाग्र करने में सहायता करती हैं।
शंख बजाने के नियम
शंख को बजाने से पहले उसे शुद्ध जल या गंगा जल से धोना चाहिए।
शंख भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय और पवित्र बाध्य यंत्र है। इसलिए इसे स्वच्छ हाथों से स्पर्श करना चाहिए।
इसक साथ ही मान्यता है कि पूजा के बाद शंख में पवित्र जल भरकर घर में छिड़कने से सुख-समृद्धि आती है।