गुरु ग्रह का महत्व
गुरु ग्रह को नवग्रहों में सबसे शुभ माना जाता है। यह व्यक्ति की बुद्धि, धन, शिक्षा, विवाह और धर्म-कर्म से जुड़ा होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु कमजोर होता है तो जीवन में बाधाएं, आर्थिक तंगी और निर्णय लेने में कठिनाई होती है। इसके अलावा अगर गुरु मजबूत हो तो व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान, सफलता और समृद्धि मिलती है।
सिद्ध स्तोत्र का महत्व
सिद्ध स्तोत्र एक पवित्र ग्रंथ है। जिसमें शक्तिशाली मंत्र और श्लोक होते हैं। इसे गुरुवार के दिन पढ़ने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु, भगवान शिव और अन्य देवताओं की स्तुति में रचित है, जो व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होता है। सिद्ध स्तोत्र पाठ के लाभ
गुरु ग्रह की कृपा प्राप्ति: जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर हो, वे इस स्तोत्र का पाठ करके सकारात्मक परिणाम पा सकते हैं।
आर्थिक सुधार: इस पाठ से धन की प्राप्ति होती है और व्यापार या नौकरी में सफलता मिलती है।
शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि: विद्यार्थी और शिक्षक इस पाठ को करके अपने बौद्धिक विकास को बढ़ा सकते हैं। दांपत्य जीवन में होता है सखमय: वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है जिन लोगों के दांपत्य जीवन में समस्याएं चल रही हों, उन्हें भी यह पाठ लाभकारी होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: यह पाठ नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
ऐसे करें सिद्ध स्तोत्र का पाठ
गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पीले आसन पर बैठकर शुद्ध मन से पाठ करें और जब पाठ संपन्न हो जाए, उसके बाद गुरु ग्रह के मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें। गुरुवार के दिन सिद्ध स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता आती है और गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। यह पाठ आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक समृद्धि भी प्रदान करता है। नियमित रूप से गुरुवार को इस स्तोत्र का पाठ करें और गुरु के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
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