मां लक्ष्मी का भी मिलता है आशीर्वाद
ज्योतिषाचार्य के अनुसार साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, जो बेहद कठिन होता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि 21 जून को सुबह 7.19 बजे शुरू होगी और 22 जून को सुबह 4.28 बजे समाप्त होगी। ऐसे में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को ही रखा जाएगा। वहीं योगिनी एकादशी का पारण 22 जून को होगा। योगिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त 22 जून को दोपहर 1.47 बजे से शाम 4.35 बजे के बीच है। पारण तिथि पर हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 9.41 बजे है। इसलिए इसके बाद ही पारण करें।
योगिनी एकादशी पूजा विधि
योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा का विधान है। साथ ही पीपल के वृक्ष की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करना अधिक शुभ होता है। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद उनकी विधि अनुसार पूजा करें और योगिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ें। बाद में विष्णु जी की आरती करें। इस दिन आप जरूरतमंद लोगों को भोजन व दान दक्षिणा भी दे सकती हैं, इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु मंगल मंत्र
मंगलम् भगवान विष्णुः, मंगलम् गरुण ध्वजः। मंगलम् पुण्डरीकाक्षः मंगलाय तनो हरिः॥
योगिनी एकादशी व्रत के नियम
योगिनी एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी का व्रत नहीं रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन बाल, नाखून, और दाढ़ी कटवाने की भूल न करें। योगिनी एकादशी के दिन ब्राह्मणों को कुछ दान अवश्य करना चाहिए। एकादशी व्रत के पारण करने के बाद अन्न का दान करना शुभ माना गया है।