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धौलपुर

तकनीक का कमाल…गाय के बछिया तो भैंस के होगी पडिय़ा

पशुओं के नस्त को बेहतर और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने पशु विभाग अब कृत्रिम गर्भाधान यानी सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक का सहारा लेगा। इसके जरिए अब सिर्फ मादा बछड़ों (बछिया और पडिय़ा) का ही जन्म होगा। इस योजना के लागू होने से जहां पशुपालकों की आय सुधरेगी तो वहीं सडक़ों पर विचरण करने वाले निराश्रित नंदियों की संख्याओं में कमी आएगी।

धौलपुरMay 20, 2025 / 07:33 pm

Naresh

तकनीक का कमाल...गाय के बछिया तो भैंस के होगी पडिय़ा Amazing technology...if a cow has a female calf then it will be a male calf
– पशुपालकों की बेहतरी को केन्द्र सरकार ने प्रारंभ की ‘सेक्स सॉर्टेड सीमन’ योजना

– जिले में दुग्ध उत्पादन बढऩे के साथ पशुओं की सुधरेगी नस्ल

– जिला चिकित्सालय में 700 डोज आए, 2000 की और डिमांड
धौलपुर. पशुओं के नस्त को बेहतर और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने पशु विभाग अब कृत्रिम गर्भाधान यानी सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक का सहारा लेगा। इसके जरिए अब सिर्फ मादा बछड़ों (बछिया और पडिय़ा) का ही जन्म होगा। इस योजना के लागू होने से जहां पशुपालकों की आय सुधरेगी तो वहीं सडक़ों पर विचरण करने वाले निराश्रित नंदियों की संख्याओं में कमी आएगी।
राज्य सहित देश में पशुपालकों की हालत सुधारने केन्द्रीय पशुपालन विभाग ने आरंभ की है। इस योजना के बेहतर आगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। पशु चिकित्सकों ने बताया कि इस प्रक्रिया से पशुपालकों को दोहरा लाभ मिलेगा। सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से जन्मी बछडिय़ा दो साल में दूध देना शुरू कर देती है तो वहीं इस तकनीक से पैदा होने वाली मादा बछिया में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और उनकी प्रजनन क्षमता भी अच्छी होती है। किसान और पशुपालक का संबंध आपस में जुड़ा हुआ है। एक अच्छा पशुपालक बेहतर किसान बन सकता है और इसके उलट भी। जब पशुपालक आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी वह खेती-किसानी में भी नई तकनीकें अपना सकेगा। इस सोच को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना को प्राथमिकता दी है। पशुपालन विभाग ने अभी जिला स्तर पर योजना के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं और ब्लॉक स्तर पर सेक्स सॉर्टेड सीमन डोज उपलब्ध कराए गए हैं।
क्या है केन्द्र सरकार की योजना

केन्द्र सरकार आयोजित यह योजना पशुपालन विभाग ने उन पशुपालकों के लिए शुरू की गई है जो दूध उत्पादन और पशु नस्ल सुधार में रुचि रखते हैं। सेक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग करने से 90 प्रतिशत से अधिक संभावना होती है कि केवल मादा बछड़ा ही जन्म ले। इसका सीधा असर दूध उत्पादन, आर्थिक लाभ और आवारा नंदी की संख्या पर पड़ता है।
500 गिर तो 200 मुर्रा भैंस के आए डोज

सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना के तहत मुख्य जिला पशु चिकित्सालय में गिर नस्ल की गाय के 500 डोज के अलावा मुर्रा भैंस के 200 डोज आए हैं। इसके अलावा विभाग ने 2000 और डोजों की मांग की है। पशु पालकों को योजना का लाभ लेने के लिए अपने पशुओं को चिकित्सालय लाना होगा जहां पशुओं में प्रजनन को बीजारोपित किया जाएगा।
गर्भाधान के बाद तीन माह में परीक्षण

पशु चिकित्सक डॉ सुशांत शर्मा ने बताया कि सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से गर्भाधान के बाद तीन माह में पशुओं का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के दौरान अगर पशु पॉजिटिव है तो ठीक और निगेटिव होने पर दोबारा पशुओं का गार्भाधान किया जाएगा। डॉ. सुशांत ने बताया कि गर्भाधान के बाद गाय को प्रजनन करने में 9 माह और 9 दिन तो भैंस को 10 माह और 10 दिन का समय लगेगा।
निराश्रित नंदियों की संख्या में आएगी कमी

परंपरागत गर्भाधान पद्धति से पैदा होने वाले नंदी अक्सर बाद में बेकार समझकर खुले छोड़ दिए जाते हैं। ऐसे नंदी या तो शहर, गांवों में पॉलिथीन खाकर बीमार हो जाते हैं या फिर सडक़ों पर घूमते हुए दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से अधिकतर मादा जन्मेंगी जिससे नंदियों की संख्या में स्वत: गिरावट आएगी।
पशुपालकों के पास बेहतर विकल्प

सरकार की ओर से इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। जिसमें कृषक पशुपालकों के लिए प्रति डोज 70 रुपए, सामान्य पशुपालकों के लिए प्रति डोज 50 रुपए है। ब्लॉक स्तर पर इन डोज की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि गांवों के पशुपालक भी इसका लाभ उठा सकें।

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