scriptजाटव समाज की महापंचायत में कुरीतियों को खत्म करने का निर्णय | Decision to end the evil practices in the Mahapanchayat of Jatav Samaj | Patrika News
धौलपुर

जाटव समाज की महापंचायत में कुरीतियों को खत्म करने का निर्णय

जाटव समाज संकल्प महापंचायत का आयोजन चितौरा गांव स्थित जोरावल बाबा के स्थान पर किया गया। महापंचायत के दौरान जाटव समाज के लोगों ने कुरीतियों को छोड़ने के साथ समाज की एकता एवं शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने का संकल्प लिया।

धौलपुरJun 17, 2025 / 06:43 pm

Naresh

जाटव समाज की महापंचायत में कुरीतियों को खत्म करने का निर्णय शादियों में फिजूलखर्ची, मृत्युभोज, नशे पर लगाई पाबंदी Decision to end evil practices in Mahapanchayat of Jatav community Ban on wasteful expenditure in marriages, funeral feasts, intoxication
-जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर कमेटी गठित कर पंच-पटेल करेंगे निगरानी

धौलपुर. जाटव समाज संकल्प महापंचायत का आयोजन चितौरा गांव स्थित जोरावल बाबा के स्थान पर किया गया। महापंचायत के दौरान जाटव समाज के लोगों ने कुरीतियों को छोड़ने के साथ समाज की एकता एवं शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने का संकल्प लिया। जाटव समाज के जिलाध्यक्ष सुआलाल जाटव ने महापंचायत को संबोधित करते हुए समाज में व्याप्त कुरीतियों को त्यागने एवं समाज सुधार को लेकर विचार रखे। उन्होंने कहा कि शादी विवाह में फिजूलखर्ची समाज के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। दहेजप्रथा की खातिर परिवारों में विघटन की समस्याएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने बहन को मायरे की रस्म सीमित दायरे में आयोजित की सलाह दी गई। जिलाध्यक्ष ने लगन टीका एवं फलदान पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने सहित बारात में 50 व्यक्ति तक सीमित करने का सुझाव दिया। वही डीजे, बैंडबाजे एवं आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सलाह दी।
विवाह की रस्मों को सीमित करने का हवाला देते हुए फिजूल खर्ची पर लगाम लगाने एवं स्वर्ण आभूषणों की कीमतों को देखते हुए कृत्रिम आभूषणों का उपयोग करने के लिए समाजबंधुओं को प्रेरित किया। जाटव ने विवाह के बाद फेर पटा, जीमना, माढा झांकना, सोहगी आदि फालतू रस्मों पर भी प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। समाज के पंच पटेलों ने समाज में कुरीतियों को खत्म करने का निर्णय करते हुए मंच से घोषणा की। जाटव समाज महापंचायत में पंच पटेलों ने चर्चा करने के बाद जन्मदिन, गृह प्रवेश, भंडारा, श्रद्धा, सेवानिवृत्ति सहित मृत्युभोज आदि परंपराओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया गया वही शादी विवाह में फिजूलखर्ची सहित दहेज प्रथा, सामूहिक समारोह में नशामुक्ति आदि कुरीतियां खत्म करने का निर्णय किया। साथ ही शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापक प्रचार प्रसार करने सहित समाज की एकता पर जोर दिया गया। समाज ने शादी समारोह में नशा कतई बर्दाश्त नहीं करने व समाज में आपसी मनमुटाव एवं लड़ाई झगड़ा होने की स्थिति पर समाज के लोगों को ही मामले का निपटारा करने के लिए प्रेरित किया।इसके साथ ही दुर्घटनाओं से बचने के लिए विवाह के निमंत्रण व्हाट्सएप से ही स्वीकार करने के लिए समाजबन्धुओं को पाबंद किया गया। महापंचायत के नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ जुर्माना लगाने का निर्णय किया गया। इस मौके पर बसेड़ी विधायक संजय जाटव, प्रधान प्रतिनिधि सुआलाल जाटव, रिटायर्ड आरपीएस अधिकारी राजेन्द्र वर्मा, बाड़ी चेयरमैन प्रतिनिधि होतम सिंह जाटव सहित बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, सरमथुरा, सैपऊ, मनियां, राजाखेड़ा, तसीमों सहित ग्रामीण क्षेत्र से करीब 12 हजार लोगों ने शिरकत की।
-बसेड़ी विधायक बोले: समाज सुधार के लिए बाबा साहब के सिद्धांतों की जरूरत

बसेड़ी विधायक संजय कुमार जाटव महापंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के मुताबिक देश का संचालन हो रहा है। वर्तमान युग में उनके आदर्श एवं सिद्धांतों पर चलने की जरूरत है। दलित एवं वंचितों को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से आधारशिला रखी थी। समाज में समानता बनाने के लिए जातिवाद प्रथा का विरोध किया था। जाटव ने कहा किसी भी समाज के विकास में शिक्षा की मुख्य भूमिका है। रिटायर्ड एडिशनल एसपी राजेंद्र वर्मा ने कहा समाज में बदलाव खुद से करना पड़ेगा। दहेज प्रथा बाल विवाह मृत्यु भोज आदि कुरीतियों को खत्म करने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को आगे आना होगा। समाज के विकास के लिए बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लानी होगी।

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