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धौलपुर

सरकारी कॉलेज अब एडमिशन को तरसे, नहीं भर पा रही सीटें

पूर्ववर्ती सरकार में डिमांड पर प्रदेशभर में जगह-जगह खोले कॉलेजों से बाढ़ से कॉलेज एजुकेशन सिस्टम गड़बड़ा गया है। हाल ये है कि सरकारी कॉलेजों में सीटें नहीं भर पा रही हैं। प्रत्येक विभाग में सीटें बच रही हैं। इस बीच सेमेस्टर सिस्टम के बाद स्थिति और डांवाडोल हो गई। ऐसा ही कुछ हाल धौलपुर जिले के एक दर्जन राजकीय कॉलेजों में बना हुआ है। यहां एडमिशन प्रक्रिया चल रही है लेकिन विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

धौलपुरJun 15, 2025 / 07:57 pm

Naresh

सरकारी कॉलेज अब एडमिशन को तरसे, नहीं भर पा रही सीटें Government colleges are now yearning for admissions, unable to fill seats
– जिले के सबसे बड़े पीजी कॉलेज में आट्र्स में गत सत्र में 850 में से 640 पर हुए एडमिशन

– फेकल्टी और बृज विवि की लेट लतीफी से विद्यार्थी परेशान, अन्य विवि में ले रहे एडमिशन- विवि में प्रथम सेमेस्टर की 6 माह बाद हो रही परीक्षा, अब लेट होंगे एडमिशन
– कॉलेजों में प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश की तिथि 16 जून

धौलपुर. पूर्ववर्ती सरकार में डिमांड पर प्रदेशभर में जगह-जगह खोले कॉलेजों से बाढ़ से कॉलेज एजुकेशन सिस्टम गड़बड़ा गया है। हाल ये है कि सरकारी कॉलेजों में सीटें नहीं भर पा रही हैं। प्रत्येक विभाग में सीटें बच रही हैं। इस बीच सेमेस्टर सिस्टम के बाद स्थिति और डांवाडोल हो गई। ऐसा ही कुछ हाल धौलपुर जिले के एक दर्जन राजकीय कॉलेजों में बना हुआ है। यहां एडमिशन प्रक्रिया चल रही है लेकिन विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिले के सबसे बड़े पीजी कॉलेज धौलपुर में 12 जून तक सभी विषयों में 301 एडमिशन फार्म ही आए हैं। जबकि कॉलेज में कुल सीट 1330 सीटें हैं। जबकि कुछ समय पहले आट्र्स जैसे विषय में पीजी कॉलेज में सीटें फुल रहती थी और वेटिंग लिस्ट जारी होती थी। विद्यार्थी उम्मीद करता था कि कोई विद्यार्थी एडमिशन न ले तो उसका नम्बर आ सके। लेकिन अब स्थिति बिल्कुल उलट है। अब विद्यार्थियों का मोहभंग हो गया है, वे भरतपुर की महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों से दूरी बना रहे हैं और अन्य विश्वविद्यालय में एडमिशन ले रहे हैं।
कॉलेजों में फेकल्टी की कमी, विद्या संबल का सहारा

राजकीय कॉलेजों में पहले से ही फेकेल्टी की कमी चल रही है। चाहे पीजी कॉलेज और या अन्य कॉलेज, सभी जगह एक जैसा हाल है। जिले के मनियां, मरैना कॉलेजों में एक भी स्थाई फेकेल्टी नहीं है। बसई नवाब में एक प्रिंसीपल और एक फेकेल्टी है। जिले में करीब 12 राजकीय कॉलेज हैं। अन्य कॉलेजों में भी ये ही हाल है। कॉलेज आयुक्तालय विद्या संबल के जरिए फेकेल्टी पढ़ाई करवा रहा है। लेकिन ये फेकेल्टी भी तक है, जब एडमिशन हों। उससे पहले फेकेल्टी भी नहीं रखी जा सकती।
बृज विवि की लेट लतीफी, दूसरे विवि जा रहे विद्यार्थी

महाराजा सूरजमल बृज विवि भरतपुर की स्थापना साल 2012 में हुई थी। विवि से करीब 167 राजकीय और निजी कॉलेज संबद्ध हैं। धौलपुर जिले के कॉलेज भी बृज विवि से जुड़े हैं। लेकिन कुछ समय से विवि की परीक्षाओं को लेकर व्यवस्था का ढांचा गड़बड़ा गया है। जिसका सीधा असर विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है। हाल ये है कि दिसम्बर 2024 के सेमेस्टर की परीक्षा छह माह विलम्ब से अभी चल रही है, जबकि अब परिणाम आकर नवीन सेमेस्टर की प्रक्रिया शुरू होनी थी। इस स्थिति से विद्यार्थी बृज विवि से दूरी बना कर राजस्थान विवि, जोधपुर, कोटा के साथ जीवाजी विवि ग्वालियर, डॉ.बीआर अम्बेडकर विवि आगरा, दिल्ली विवि और जेएनयू का रुख कर रहे हैं।
बीबीए में बीते सत्र में एक भी एडमिशन नहीं

पीजी कॉलेज में दो साल से विद्यार्थियों के लिए बीबीए कोर्स शुरू किया गया है। लेकिन यहां भी किसी विद्यार्थी ने रुचि नहीं दिखाई। बीते शिक्षा सत्र में बीबीए में एक भी एडमिशन नहीं हुआ था। अब नवीन सत्र में 12 जून तक खाता नहीं खुल पाया है।
कम्प्यूटर साइंस विषय लेने की सुविधा

कम्प्यूटर युग और बढ़ते एआई के चलन को लेकर सरकार ने भी कम्प्यूटर साइंस पर जोर दे रही है। अब कॉलेजों में भी कोई विद्यार्थी अपना एक ऐच्छिक विषय ड्रॉप को कम्प्यूटर साइंस ले सकता है। स्थानीय पीजी कॉलेज में भी यह विषय उपलब्ध है। इसके लिए भी अलग से फेकेल्टी रखी जाती है।
पीजी कॉलेज में विषयवार सीट और आवेदन

विषय सीट आवेदन

आटर््स 850 192बॉयो 140 56

मैथ मेटिक्स 140 43कॉमर्स 200 10

(नोट:एडमिशन को आवेदन की स्थिति 12 जून तक)

– कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया चल रही है। विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। कम्प्यूटर साइंस और बीबीए जैसे कोर्स भी कॉलेज में हैं। कोई फेकल्टी नहीं होने पर विद्या संबल योजना में फेकल्टी रखी जाती है। इसके लिए एडमिशन होना आवश्यक है।
– डॉ.गिर्राज सिंह, प्रिंसीपल, पीजी कॉलेज धौलपुर

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