धौलपुर. देश में सडक़ों नेटवर्क बिछाने पर एनएचएआई एजेंसी ने जमकर वाहवाही लूटी है। प्रदेश के पूर्वी राजस्थान के छोटे जिले धौलपुर से देश का सबसे बड़ा हाइवे एनएच 44 के साथ दो अन्य हाइवे एनएच 11बी और एनएच 123 भी गुजर रहे हैं। धौलपुर शहर को बाड़ी होते हुए करौली और लालसोट से जयपुर को जोडऩे वाले एनएच 11बी जगदीश तिराहे से शुरू हो जाता है। कुछ समय पहले एनएच 11बी की मरम्मत होने से वाहन चालकों ने राहत की सांस ली। लेकिन गत जगदीश तिराहे से बाड़ी रोड पर हाउसिंग बोर्ड की तरफ जा रही सडक़ किनारे एनएचएआई के दोनों तरफ जल निकासी को लेकर नाले हैं। लेकिन ये आधे-अधूरे पड़े हैं। एजेंसी ने इन्हें जोडऩे पर कभी ध्यान नहीं दिया। नालों की सफाई भी नहीं होने से यह करीब-करीब बंद पड़े हैं और इसका खामियाजा गत मानूसनी बरसात और जलभराव के दौरान बाड़ी और सैंपऊ रोड के रहवासियों को उठाना पड़ा। हालात इस कदर चिंताजनक हो गए कि जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी को स्वयं बरसाती पानी में आकर रास्ता खुलवाना पड़ा था।
विद्युत निगम का कमाल, नाले पर रख दी डीपी सरकारी एजेंसियों के कार्य अजब-गजब होते हैं। बाड़ी रोड पर दो स्थानों पर विद्युत निगम की डीपी नालों के ऊपर फेरोकवर पर ही रखी हैं। निगम को यहां कोई और स्थान नहीं मिला। डीपी नालों पर रखी होने से सफाई नहीं हो पाती है। बरसाती पानी भरने के दौरान जेसीबी ने नालों की सफाई का प्रयास किया तो विद्युत करंट और डीपी को नुकसान पहुंचने की वजह से कार्य नहीं हो पाया। अब नगर परिषद ने उक्त ट्रांसफार्मर और विद्युत खंभों को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के लिए पत्र लिख रही है।
कचरे अटे नाले, कहीं अधूरा छोड़ा बाड़ी रोड यानी एनएच 11 बी पर एनएचएआई के दोनों तरफ बने नालें गंदगी से अटे पड़े हैं। नालों की सफाई नहीं होने से बरसात के दिनों में पानी नालों की बजाय सडक़ पर एकत्र रहता है और सडक़ को भी नुकसान पहुंचाता है। साथ ही आसपास की कॉलोनियों में पानी प्रवेश करता है। इसका खामियाजा रहवासी उठा चुके हैं। हाइवे पर कई नाले तो अधूरे हैं। अयोध्या कुंज कॉलोनी, भोगीराम, रामकुंज समेत कई कॉलोनियों के बाहर नाला बना ही नहीं है। यहां पर अधूरा नाला छोड़ रखा है। जबकि प्रशासन की ओर से नालों की मरम्मत और सफाई कराने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं।
काम कम, खानापूर्ति अधिक एनएचएआई की ओर से एनएच 11 बी और एनएच 123 मार्ग पर बने नालों को लेकर खानापूर्ति अधिक की जाती है। नालों की सफाई करने से वह बचते हैं। वह नगर परिषद पर जिम्मेदारी टाल देते हैं। जबकि नगर परिषद का कहना है कि नाले एनएचएआई के हैं और सफाई से लेकर मरम्मत तक भी उनकी जिम्मेदारी है। एनएच 11बी पर गत बरसात के कुछ सफाई कराई गई लेकिन खानापूर्ति कर छोड़ दी। पूर्व में नालों से हटाया अतिक्रमण अब वापस धीरे-धीरे होने लगा है। जो बरसात के दिनों में आफत साबित होगा।
परिषद ने हटाया अतिक्रमण, पर छोड़ा अधूरा नगर परिषद ने हाल में जगदीश तिराहे से सैंपऊ रोड पर कुछ स्थानोंं से अतिक्रमण हटाएं। लेकिन यहां कुछ स्थानों से नालों से अतिक्रमण नहीं हटाने से लोग नाखुश दिखे। यहां आसपास की कॉलोनियों में भी अभी भी सीवरेज के चैम्बर सुबह-शाम के समय उफान मार रहे हैं। हालांकि, सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना में कार्यरत इंजीनियर अरुण व्यास को धौलपुर भेजकर समस्या समाधान के प्रयास किए हैं। लेकिन सीवरेज कार्य के लिए बजट बढ़ी समस्या बना हुआ है।
– एनएचएआई को हाइवे संख्या 11बी पर क्षतिग्रस्त नाले, अधूरे पड़े नालों को जोडऩे तथा सफाई करवाने के लिए पत्र लिखा है। साथ ही विद्युत निगम को नालों पर रखे ट्रांसफार्मर और विद्युत पोलों को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के लिए भी पत्र लिखा जा रहा है। नहीं तो फिर कार्रवाई की जाएगी।
– अशोक शर्मा, आयुक्त नगर परिषद, धौलपुर