पहला स्वदेशी CAR-T क्लिनिकल ट्रायल शुरू
टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC), मुंबई ने बच्चों में B-सेल तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (B-cell ALL) के इलाज के लिए देश का पहला CAR-T क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। यह बीमारी उन बच्चों में पाई जाती है, जो सामान्य इलाज का जवाब नहीं देते।नेशनल बायोफार्मा मिशन (NBM) और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) के सहयोग से इस ट्रायल को साकार किया गया है।
किफायती उत्पादन प्रक्रिया: क्रांतिकारी कदम
यह इलाज ACTREC, TMC के CAR-T सेल थेरेपी सेंटर में विकसित किया जा रहा है, जहां CD-19-टार्गेटेड CAR-T सेल्स को स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। इसके लिए अहमदाबाद स्थित इंटास फार्मास्युटिकल्स, लेन्टिवायरस की लागत को कम करने के लिए नई तकनीक विकसित कर रहा है। लेन्टिवायरस, जो CAR-T थेरेपी की लागत का 50% होता है, अब कम खर्चे में बनाया जाएगा, जिससे यह थेरेपी और सस्ती हो सकेगी।स्थानीय निर्माण और विशेषज्ञता का विकास
BIRAC के सहयोग से एक अत्याधुनिक GMP-अनुपालन सुविधा तैयार की गई है। यह न केवल रक्त कैंसर (Blood Cancer) के इलाज में सहायक है बल्कि ठोस ट्यूमर और अन्य गैर-कैंसर स्थितियों के इलाज में भी उपयोगी साबित हो सकती है।इसके अलावा, इस परियोजना ने सेल और जीन थेरेपी (CGT) में कुशल विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है। मिशन डायरेक्टर डॉ. राज के. शिरुमल्ला ने कहा, “स्थानीय विशेषज्ञता का विकास न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इस क्षेत्र को मजबूती देगा।”
उज्जवल भविष्य की ओर कदम
CAR-T थेरेपी से मरीजों को अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है, उनके लक्षणों में कमी आती है, और उन्हें लंबे समय तक राहत मिलती है।इस प्रोजेक्ट से न केवल भारतीय बच्चों को उन्नत इलाज मिलेगा बल्कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान भी बनाएगा। यह पहल देश में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।