भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक पुलिस डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पीड़ित ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डूंगरपुर को 19 जून को एक शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में पीडि़त ने बताया था कि उसकी पत्नी के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 हजार रुपए की पहली किस्त जमा हुई थी। शेष दो किस्त जमा होना नहीं हुई थी। इस पर ग्राम विकास अधिकारी रितिक पटेल से संपर्क करने पर उसने दूसरी व तीसरी किस्त जमा करवाने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
जिस पर पांच हजार रुपए पहले देने व दस हजार रुपए दोनों किस्त जमा होने पर देने की सहमति बनी थी। टीम ने 19 जून को शिकायत का सत्यापन करवाया। सत्यापन की पुष्टि होने पर मंगलवार शाम को पीडि़त को पांच हजार रुपए के साथ पंचायत भेजा। जहां उसने ग्राम विकास अधिकारी रितिक को पांच हजार रुपए दिए।
इधर, इशारा पाते ही एसीबी टीम उपाधीक्षक रतन सिंह राजपुरोहित के सुपरविजन में मौके पर पहुंची और आरोपी ओड़ा छोटा निवासी रितिक पटेल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। टीम ने आरोपी के पेंट की जेब से रिश्वत के पांच हजार रुपए बरामद किए। कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक राजेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक करण सिंह, हैडकांस्टेबल धीरेंद्र सिंह, कांस्टेबल बाबूलाल, वीर विक्रम सिंह, जितेंद्र सिंह, दीपक कुमार व महेश कुमार शामिल थे।
पुलिस उपाधीक्षक राजपुरोहित ने बताया कि पीडि़त के प्रधानमंत्री की कुल राशि एक लाख 20 हजार रुपए जारी होनी थी। इसमें से पहली किश्त 15 हजार जारी हो गई थी। बाकि दो किस्त एक लाख 05 हजार जारी करने की एवज में आरोपी रितिक ने 15 हजार की रिश्वत मांगी थी। आरोपी रितिक परीविक्षाकाल पर था। यह अवधि एक माह में खत्म हो रही थी।