scriptशराब तस्करों का नाम हटाने के लिए हैडकांस्टेबल पर 11 लाख लेने का आरोप, शिकायत के बाद महकमे में हड़कंप | Head constable accused of taking 11 lakh rupees to remove the name of liquor smugglers from the file in Dungarpur | Patrika News
डूंगरपुर

शराब तस्करों का नाम हटाने के लिए हैडकांस्टेबल पर 11 लाख लेने का आरोप, शिकायत के बाद महकमे में हड़कंप

पूरे मामले में एक महिला कांस्टेबल की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। वहीं मामले की जांच जब साइबर टीम से कराई तो दो नंबरों के जरिए हैडकांस्टेबल की ओर से आरोपियों को सूचना देना सामने आया है।

डूंगरपुरMay 13, 2025 / 05:32 pm

Rakesh Mishra

Rajasthan police
राजस्थान के डूंगरपुर जिले के आसपुर थाने के एक पूर्व हैडकांस्टेबल पर शराब तस्करों से मिलीभगत कर रुपए लेने का मामला सामने आया है। आरोपियों से पूछताछ में हुए खुलासे के बाद पुलिस विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि हैडकांस्टेबल ने शराब तस्करी के मामले में जांच से जुड़ी फाइल से ईनामी आरोपी व सहयोगियों के नाम हटाने की एवज में 11 लाख रुपए ले लिए थे।
अब विभागीय जांच के बाद पूरे मामले की हकीकत सामने आएगी। सूत्रों के अनुसार थानाधिकारी ने भी बकायदा इसकी लिखित शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक डूंगरपुर को की है, जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया हैं। इधर, आरोपी हैडकांस्टेबल तबादले के बाद इन दिनों नाथद्वारा में तैनात है। साथ ही पूरे प्रकरण से भी वो अनभिज्ञता जता रहा है।

यह है पूरा मामला

पुलिस तक पहुंचे मामले के अनुसार डूंगरपुर के आसपुर थाने के पूर्व हैंडकांस्टेबल रिपूदमनसिंह पर शराब तस्करों का फाइल से नाम हटाने व उनका सहयोग करने की एवज में 11 लाख रुपए लेने का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार आसपुर पुलिस की ओर से 29 अप्रेल को शराब तस्करी के मामले में फरार ईनामी आरोपी भैरुपुरा बावड़ी ब्यावर निवासी राजू उर्फ राजमल पुत्र लालाराम मेवाड़ा को गिरफ्तार किया था।
उसने पूछताछ के दौरान बताया था कि मार्च 2024 को आसपुर पुलिस की ओर से शराब से भरा ट्रक पकड़ा गया था। आरोप है कि आरोपी का चार से पांच साल से हैडकांस्टेबल रिपुदमन सिंह से परिचय था। हैडकांस्टेबल अपने मोबाइल नंबर और विदेशी नंबर से आरोपी राजू से व्हाट्सएप्प पर बात करता था। उसने वार्तालाप के दौरान आरोपी का फाइल से नाम हटाने व अर्जुन पुत्र बदा भाई काडियातर का भाणदड थाने से मामला रफादफा करने की एवज में राजू से आठ लाख रुपए लिए।
वहीं गुजरात सीमा से खीमा भाई का फाइल से नाम हटाने की एवज में तीन लाख रुपए लिए थे। आरोप है कि हैडकांस्टेबल ने यह 11 लाख रुपए हवाले के माध्यम से हिम्मतनगर से लिए थे। इतना ही नहीं जब आरोपी अर्जुन को पुलिस पकड़ने जाती तो हैडकांस्टेबल आरोपी को फोन कर सूचना देता था। इस पर आरोपी मौके से भाग जाता था।
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तस्कर से बोला : तुझे कोई नहीं पकड़ सकता

शराब तस्करों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि अप्रेल 2025 में आसपुर पुलिस अर्जुन को गिरफ्तार कर थाने लाई तो जांच की फाइल से राजू व खेमा का नाम नहीं हटाया था। इस पर आरोपी ने हैडकांस्टेबल रिपुदमन को फोन भी किया था, जिस पर हैडकांस्टेबल ने यहां तक कह दिया था कि आसपुर पुलिस तुझे कभी भी नही पकड़ सकती है। मैं तुझे सूचना देता रहूंगा।
इस पूरे मामले में एक महिला कांस्टेबल की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। खासबात यह भी है कि इस पूरे मामले की जांच जब साइबर टीम से कराई तो दो नंबरों के जरिए हैडकांस्टेबल की ओर से आरोपियों को सूचना देना सामने आया है।

इनका कहना

ऐसी कोई बात है तो उसकी जांच की जाएगी। जांच सही पाए जाने पर कार्रवाई होगी।

  • तेजसिंह चारण आसपुर थानाधिकारी
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