HMPV Virus: चीन से निकले एचएमपीवी वायरस की एंट्री भारत के कर्नाटक के बाद सीधे राजस्थान के डूंगरपुर जिले में हो गई है। एचएमपीवी वायरस की पुष्टि के बाद चिकित्सा विभाग एलर्ट मोड पर आ गया है तथा संक्रमित मासूम के गांव में चिकित्सा टीमों को घर-घर सर्वे के लिए तैनात कर दिया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अलंकार गुप्ता ने बताया कि डूंगरपुर जिले के साबला ब्लॉक अंतर्गत ढाई माह के मासूम की तबीयत खराब होने पर उसे सागवाड़ा चिकित्सालय में 22 दिसंबर को भर्ती कराया था। बच्चे में श्वसन संक्रमण के लक्षण बढ़ने पर उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। इस पर परिजन उसे अहमदाबाद चिकित्सालय ले गए।
देश में तीसरा मामला
यहां चिकित्सकों की ओर से करवाई गई रिपोर्ट मेें बच्चा एचएमपीवी वायरस संक्रमित मिला है। मासूम अहमदाबाद के चांदखेड़ा स्थित चिकित्सालय में भर्ती था तथा वहां उसकी हालात स्थिर थी। बच्चे को आइसोलेशन में रखा था। इससे पूर्व वेंटिलेटर पर था। गौरतलब है कि इससे पहले दो मामले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुर में सामने आए हैं तथा तीसरा मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सामने आया है।
संक्रमित बच्चे के नहीं हुए थे फेफड़े विकसित
चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार डूंगरपुर के रिंछा निवासी बच्चे में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई थी। बच्चे का जन्म 23 अक्टूबर 2024 को मोड़ासा के एक निजी चिकित्सालय में हुआ था। बच्चे का जन्म के समय वजन 2 किलो 300 ग्राम ही था। फेफड़े का विकास भी पूर्ण नहीं हुआ था। जन्म के बाद से बच्चा श्वास और फेफड़े संबंधित रोग से ग्रसित था।
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वेंटिलेटर पर था बच्चा
ऐसे में परिजन उसे अहमदाबाद ले गए। वहां उसका 20 दिन उपचार करवाया। इसके बाद हालात में सुधार होने पर बच्चे को छुट्टी दे दी, लेकिन 26 दिसंबर 2024 को बच्चे को एक बार फिर अहमदाबाद ले गए। वहां खांसी, बुखार, सर्दी आदि की परेशानी अधिक होने पर 26 से 29 दिसंबर तक बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा था।
आइसोलेट रखने के बाद 3 जनवरी 2025 से बच्चे की हालात में सुधार हुआ तथा वह प्राकृतिक श्वास लेने के साथ ही मां का दुग्धपान कर रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की अंडर वेट बाय बर्थ होने से इम्यूनिटी पावर कमजोर है। चिकित्सा टीम के अनुसार शिशु को सोमवार को छुट्टी दे दी है तथा वह नॉर्मल है।