NCERT Books पढ़ने वालों के लिए आसान रहा पेपर
शिक्षकों और छात्रों के अनुसार, सीबीएसई कक्षा 10वीं का पेपर कुछ लोगों के लिए आसान रहा। वहीं कुछ लोगों के लिए ये टफ भी रहा। कुल मिलाकर सीबीएसई कक्षा 10वीं का पेपर मॉडरेट था। हालांकि, जिन छात्रों ने NCERT Books से पढ़ाई और अभ्यास किया है, वे आराम से 60+ अंक हासिल कर सकते हैं। साइंस विषय में चाहिए इतने पासिंग मार्क्स (CBSE Science Passing Marks)
सीबीएसई 10वीं कक्षा का साइंस का पेपर खत्म हो चुका है। ऐसे में छात्रों को बता दें कि इस विषय में पास होने के लिए प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटर्नल असिस्मेंट में भी पास होना होगा। छात्रों को सीबीएसई कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा को पास करने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में ही कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं। सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं साइंस का पेपर कुल 100 अंकों का होता है, जिसमें थ्योरी पेपर 80 नंबर और इंटर्नल असिस्मेंट 20 नंबर का होता है। इंटर्नल असिस्मेंट में प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट दोनों शामिल होते हैं।
पांच कंपल्सरी सेक्शन में बांटा गया पेपर
सीबीएसई कक्षा 10वीं के साइंस पेपर में पांच कंपल्सरी सेक्शन थे-
- सेक्शन ए
- सेक्शन बी
- सेक्शन सी
- सेक्शन डी
- सेक्शन ई
सेक्शन ए में 16 प्रश्न एक एक अंक के होंगे। वहीं सेक्शन बी में 2 अंकों के 6 शॉर्ट आंसर टाइप क्यूश्चन होंगे। सेक्शन सी में 3 अंकों के 7 शॉर्ट आंसर वाले क्यूश्चन होंगे। वहीं सेक्शन डी में 5 अंकों के 3 लॉन्च क्यूश्चन और सेक्शन ई में 4 अंकों के 3 सोर्स केस, पैसेज बेस्ड, इंटिग्रेटेड यूनिट्स ऑफ असिस्मेंट शामिल होंगे।
44 लाख छात्र दे रहे परीक्षा
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में इस साल करीब 44 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। 10वीं कक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 24 लाख के करीब है। 10वीं कक्षा की परीक्षा 15 फरवरी से 18 मार्च 2025 तक चलेगी। वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन 15 फरवरी से 15 मार्च तक किया जाएगा।
साल में दो बार होगी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कक्षा 10वीं और 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने की योजना बनाई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसमें शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सीबीएसई के अध्यक्ष भी शामिल रहे। परीक्षा का दबाव कम करने के लिए और छात्रों के लिए परीक्षा को आसान बनने के उद्देश्य से साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी।