कौन हैं कुंभ के SSP राजेश द्विवेदी? MBA से पहले यूपी के इस कॉलेज से की है पढ़ाई
Kumbh SSP Education: महाकुंभ में हुए हादसे के बाद एसएसपी राजेश द्विवेदी के एक बयान की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। आइए, जानते हैं कौन हैं राजेश द्विवेदी और उन्होंने क्या बयान दिया है।
Kumbh SSP Education: महाकुंभ में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं इस बीच कुंभ के एसएसपी राजेश द्विवेदी के एक बयान की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। आइए, जानते हैं कौन हैं राजेश द्विवेदी और उन्होंने क्या बयान दिया है।
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने कुंभ में मची भगदड़ को लेकर एक बयान में कहा, “यहां कोई स्टैंपीड (भगदड़) वाली बात ही नहीं थी। थोड़ी भीड़ ज्यादा हो गई थी, इसलिए कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। अफवाह पर ध्यान न दें और जो घाट खुले हैं, वहीं पर स्नान करें।”
कौन हैं राजेश द्विवेदी? (Kon Hai SSP Rajesh Dwivedi)
एसएसपी राजेश द्विवेदी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले हैं। राजेश द्विवेदी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने MBA की भी पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में सिविल सेवा में जाने की दिलचस्पी बढ़ी। यही कारण था कि उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही UPPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 1997 में वे पीपीएस के लिए चयनित हुए। 16 साल नौकरी करने के बाद उन्हें 2013 में IPS Cadre के लिए प्रमोट किया गया और वे एसपी बना दिए गए।
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई प्रयागराज (तब इलाहाबाद) से की थी। उन्होंने यहां करीब 10-15 साल बीताया है। 2021 में उन्हें सबसे पहले हरदोई जिले का एसपी बनाया गया। इसके बाद वे कई अन्य जिलों में तैनात रहे। वहीं 21 जून 2024 को उकनी पोस्टिंग प्रयागराज में की गई, जिसके बाद उन्हें महाकुंभ का एसएसपी नियुक्त किया गया।
क्या है एसएसपी का फुलफॉर्म? (SSP Full Form In Hindi)
एसएसपीका फुलफॉर्म अंग्रेजी में Senior Superintendent of Police है। वहीं हिंदी में इसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कहते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का पद पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण पद माना जाता है। एसपी के पद पर काम करने वाले अधिकारियों को एसएसपी के पद पर प्रमोट किया जाता है। SSP की मुख्य भूमिका होती है जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखना और अपराध को रोकना।