UPSC Success Story: डॉक्टर से IAS बनी बिटिया! 12 घंटे की टफ ड्यूटी, दिन रात की पढ़ाई…ऐसी है संघर्ष के दिनों की कहानी
UPSC Success Story: अंजलि गर्ग ने यूपीएससी सीएसई और देशप्रेम के लिए MBBS जैसे सुनहरे करियर को छोड़ दिया। उनके मन में बस एक ही कामना थी कि वे IAS बनकर देश की सेवा करें। जानिए उनकी कहानी-
UPSC Success Story: नीट यूजी की परीक्षा हो या यूपीएससी की दोनों की गिनती कठिन परीक्षाओं में होती है। लेकिन कई सारे युवा हैं जो नीट यूजी क्वालिफाई करके एमबीबीएस की डिग्री हासिल करते हैं और फिर अपनी मेडिसिन और बीमारियों की समझ का इस्तेमाल यूपीएससी क्लियर करके सिविल सेवा में करते हैं। कई लोगों के लिए ये दोनों ही परीक्षा निकालना कठिन होता है। लेकिन आज हम आपको जिस लड़की की कहानी बताएंगे, उन्होंने दोनों ही परीक्षा पास कर ली।
डॉ. अंजलि गर्ग ने यूपीएससी सीएसई और देशप्रेम के लिए MBBS जैसे सुनहरे करियर को छोड़ दिया। उनके मन में बस एक ही कामना थी कि वे IAS बनकर देश की सेवा करें। अपने मेहनत के दम पर सभी चुनौतियों को पास करके उन्होंने सफलता हासिल कर ली।
चंडीगढ़ के रहने वाली हैं अंजलि
अंजलि मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा यहीं से हुई। वे स्कूलों के दिनों से ही पढ़ने में अच्छी थीं। उन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा में 96% अंक प्राप्त किया था। अंजलि के परिवार में दूर दूर तक कोई सिविल सेवा में नहीं है। वे बिजनेस करने वाले परिवार से आती हैं।
12वीं के बाद उन्होंने नीट यूजी परीक्षा (NEET UG) में अच्छा स्कोर किया। इस दम पर उन्हें दिल्ली की VMMC (वीएमएमसी) और सफदरजंग अस्पताल से एमबीबीएस करने का मौका मिला। MBBS के तीसरे साल में ही अंजलि ने देखा कि जमीनी स्तर पर चिकित्सा सेवा में भारी कमी है। ऐसे में उन्हें लगा कि सिविल सेवा ही ऐसा मंच है जिससे वे समाज के भलाई और बेहतरी के लिए काम कर पाएंगी।
प्रथम प्रयास में हो गईं फेल
हालांकि, जब तैयारी शुरू की तो कई सारी दिक्कतें सामने आनी लगीं। मेडिकल के फील्ड से होने के कारण यूपीएससी के लिए बेसिक की समझ को मजबूत करने में समय और एक्स्ट्रा मेहनत लगी। नतीजा ये निकला कि वे अपने पहले प्रयास, जोकि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान दिया था, में असफल हो गई थीं। लेकिन अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर ली।
अंजलि ने अपने दूसरे प्रयास में यानी कि 2022 में 79वीं रैंक के साथ सफलता हासिल कर ली। उन्होंने मेडिकल साइंस को अपना ऑप्शनल विषय चुना और CSE परीक्षा में इस विषय के अंदर टॉप किया। दिलचस्प की बात ये है कि अंजलि ने अपनी मेडिकल की इंटर्नशिप करने के दौरान भी यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। उन्होंने अस्पताल का काम और अपनी कोचिंग और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाए रखा। रात में नाई शिफ्ट करना और दिन में कोचिंग जाना और UPSC की पढ़ाई करना, ऐसे में अंजलि अपनी नींद भी पूरी नहीं कर पाती थी। एक समय ऐसा आया जब नींद न पूरी करने के कारण उन्हें जोड़ों का दर्द और स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार अपनी मंजिल पा ली।
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