मामले की पूरी जानकारी
जानकारी के अनुसार, अभयप्रताप सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह लखनऊ के विशाल खंड, गोमती नगर में रहते हैं और फतेहपुर आते-जाते रहते हैं। इस दौरान उनके संपर्क में महेश सिंह, सउद उर्फ सउद खान, सुनील कुमार उर्फ साधू विश्वकर्मा, तेज नारायण मिश्रा और योगेश्वर मिश्रा आए। सउद खान ने उन्हें गोमती नगर विस्तार योजना, सेक्टर 4 लखनऊ में दो भूखंडों की जानकारी दी। यह भूखंड स्कूल के नाम पर आवंटित था, और सउद खान ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे इन भूखंडों को खरीद सकते हैं, और यह लखनऊ में सबसे बेहतरीन भूखंड होगा। सौदे की दर 4000 रुपये प्रति वर्ग फीट तय हुई, और इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष ने 13 अक्टूबर 2023 को अपनी फर्म यशराज इन्फ्रासिटी प्रा. लि. के खाते से 11 लाख रुपये सउद को भेजे। इसके बाद उन्होंने सउद के खाते में 20 लाख रुपये और 11 जनवरी 2024 को 19 लाख रुपये नकद भी दिए। रुपये भेजने के बाद उन्होंने भूखंड की रजिस्ट्री करने को कहा, लेकिन इसके बाद सउद ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया।
अभयप्रताप सिंह ने बताया कि इसके बाद उन्हें पता चला कि वह भूखंड लखनऊ विकास प्राधिकरण में शिक्षण संस्थान के लिए आवंटित है और विकास कर का भुगतान बाकी है। सउद खान ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि वह इस भूखंड को तीन माह में व्यावसायिक होटल में बदलवा देगा। 14 अक्टूबर 2023 को अनुबंध पत्र भी तैयार किया गया, जिसमें अब्दुल खान गवाह थे और इसे सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, एडवोकेट ने नोटरी के माध्यम से प्रमाणित किया।