Gonda News: प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि किसानों को समयबद्ध भुगतान कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। गोंडा कुंदरखी, पीलीभीत की बरखेड़ा, शाहजहांपुर की मकसूदापुर, बरेली की बहेड़ी और नवाबगंज और बागपत की मलकपुर चीनी मिल के खिलाफ आरसी जारी कर दी गई है। इन चीनी मिलों द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा था।
किसानों के बकाया भुगतान की भू राजस्व के भांति होगी वसूली
गन्ना आयुक्त ने कहा कि वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए जाने के बाद संबंधित जिला प्रशासन अब भू-राजस्व की भांति वसूली कर सकेगा। जिससे किसानों को उनका बकाया शीघ्र प्राप्त हो सकेगा। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जो मिलें भुगतान में लगातार लापरवाही बरत रही हैं। उनके आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल के पुनर्निधारण पर भी विचार किया जा सकता है। 122 चीनी मिलों में सिर्फ 65 मिलों ने किया भुगतान
उन्होंने यह भी बताया कि पेराई सत्र 2024-25 में प्रदेश की 122 संचालित चीनी मिलों में से 65 मिलें शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर चुकी हैं। जबकि 22 मिलों द्वारा 84 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है। गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर से की जा रही है। गन्ना विभाग की इस सख्ती से न सिर्फ बकायेदार मिलों पर दबाव बढ़ेगा। बल्कि अन्य मिलों को भी समयबद्ध भुगतान के प्रति सतर्क रहने का संदेश जाएगा। किसानों के हित में उठाया गया यह कदम गन्ना मूल्य भुगतान की पारदर्शिता और समयबद्धता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।