स्वतंत्र जांच में खुली पोल, डीएम का सख्त रुख
डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर जिले स्तर के अधिकारियों की टीमों द्वारा जल जीवन मिशन की 145 परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया। इन परियोजनाओं को पहले पूर्ण बताया गया था। लेकिन निरीक्षण के दौरान हकीकत निराशाजनक पाई गई। अधिकांश स्थानों पर पाइपलाइन बिछाने, बाउंड्रीवाल निर्माण, FHTC (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन), ऑटोमेशन, सड़क पुनर्स्थापना, सोलर पैनल और जलाशयों में लाइटिंग कंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधूरे पाए गए।अधिशासी अभियंता को 3 दिन में जवाब देने का निर्देश
उत्तर प्रदेश जलनिगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र कुमार को डीएम ने तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि कार्यों की स्थिति अत्यंत खेदजनक है। यह अस्वीकार्य है कि अधूरी परियोजनाओं को पूर्ण बताकर रिपोर्ट भेजी गई। उन्होंने यह भी पूछा है कि ऐसी भ्रामक रिपोर्ट किस स्तर पर सत्यापित की गई थी।एलएंडटी के परियोजना प्रबंधकों को चेतावनी और कारण बताओ नोटिस
जल जीवन मिशन की 145 में से 141 परियोजनाएं एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो प्रा. लि.) द्वारा निष्पादित की गई हैं। इन परियोजनाओं को भी पूर्ण दर्शाया गया था। लापरवाही पाए जाने पर मनोज कुमार, परियोजना प्रबंधक, एलएंडटी को 24 घंटे में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सुनील कुमार, दूसरे परियोजना प्रबंधक को भी कड़ा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।एलएंडटी सभी परियोजनाओं का पुनः सत्यापन कराये
डीएम ने स्पष्ट किया कि बिना ग्राउंड वेरिफिकेशन और ग्रामवासियों से निर्बाध जल आपूर्ति की पुष्टि के कोई भी परियोजना पूर्ण घोषित नहीं मानी जाएगी। उन्होंने एलएंडटी को निर्देश दिया है कि वे सभी 141 परियोजनाओं का स्वयं पुनःसत्यापन कराएं। एक सप्ताह के भीतर सभी कमियों को दूर करते हुए अनुपालन आख्या प्रस्तुत करें। इसके अलावाकेएलएसआर रेज पावर इन्फा (JV) को भी नोटिस, कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। डीएम ने ठेकेदार फर्म मेसर्स केएलएसआर रेज पावर इन्फा प्रा. लि. (JV) को भी 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।