Gonda News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 सूत्री एजेंडा के तहत गुरुवार को आपदा को बिल्कुल कम करने के लिए समूह की प्रमुखों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का प्रशिक्षण दिये जाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मण्डल के प्रत्येक जिले के 75-75 स्वयं सहायता समूह की प्रमुखों व आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का आयुक्त देवीपाटन मण्डल ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने मण्डलायुक्त, डीएम, सीडीओ सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका अहम: आयुक्त
आयुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका अहम है। क्योंकि आपदा के दौरान महिलायें सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसलिए महिलाएं आपदा प्रबंधन में फस्र्ट रिस्पान्डर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री प्रेरणा से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिरण द्वारा सराहनीय कदम उठाया गया है। उन्होंने आपदा प्रबंधन में महिलाओं की सहभागिता का दूरगामी परिणाम होगा। विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, अग्निकाण्ड, सर्पदंश, आकाशीय विद्युत, ग्लोबल वार्मिंग, सुनामी के अलावा मानव जनित आपदाओं से कैसे बचाव करना है। इसके लिए समुदाय का प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से बहुउपयोगी कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें मण्डल के जनपदों से स्वयं सहायता समूहों की प्रमुखों की उपस्थिति एक शुभ संकेत हैं।
आपदा के दौरान क्या करें, इसकी जानकारी होना सबसे महत्वपूर्ण: डीएम
जिलाधिाकरी नेहा शर्मा ने कहा कि किसी भी आपदा के दौरान गोल्डेन आवर और आपदा के दौरान क्या करना चाहिए इसकी जानकारी होना सबसे महत्वपूर्ण होता है। आपदाओं को लेकर जनसामान्य में कुछ मिथक हैं। जिनका दूर होना आवश्यक है। उन्होंने आकाशीय विद्युत से होने वाली मृत्यु को लेकर मिथक के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि तमाम आपदाएं ऐसी हैं। जहां पर महिलाएं सबसे पहले प्रभावित होती हैं। परन्तु जानकारी के अभाव में वे सहायता करने के बजाय घबरा जाती हैं। इसलिए समुदाय आधारित महिलाओं का आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक होना और प्रशिक्षित होना नितान्त जरूरी है। सीडीओ बोली- समूह की महिला प्रमुखों को प्रशिक्षित किया जा रहा
मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मुख्यमंत्री की पे्ररणा से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजूबती मिलेगी।