Gonda News:
गोंडा जिले के 308 आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की कई जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस दौरान जांच अधिकारी नागरिकों से संवाद भी करेंगे। आयुष्मान केंद्रों की जमीनी सच्चाई जानने के लिए जांच के दौरान कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। इनमें कर्मचारियों की उपस्थिति समय से रहती है। सेवा की गुणवत्ता और व्यवहार संतोषजनक है। या नहीं। यह फीडबैक रिपोर्ट का अभिन्न हिस्सा होगा।
जांच के दौरान लापरवाही पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
डीएम ने इस संबंध में कहा कि जनमानस को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की गतिविधियों को जमीन पर प्रभावी बनाने के लिए पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली आवश्यक है। हमने सुनिश्चित किया है कि हर केंद्र की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन तथ्यों और फीडबैक के आधार पर हो। जो भी लापरवाही सामने आएगी। उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस निरीक्षण की रिपोर्ट डॉ. आदित्य वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 10 कार्य दिवसों में जिलाधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
निरीक्षण अभियान के माध्यम से इन केंद्रों पर सीधे तौर पर जनमानस को प्रदान की जा रही। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुलभता को सुनिश्चित किया जाना है। Fatehpur: रात में प्रेमिका से मिलने गए दो प्रेमी पहले हुई जमकर पिटाई, फिर दूल्हा बनकर लोटे, दोनों की गर्लफ्रेंड बनी पत्नी
डीएम ने इन बिंदुओं पर दिए जांच के आदेश
डीएम ने जांच अधिकारियों को विशेष रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर मूल्यांकन करना है। सीएचओ की उपस्थिति क्या अटेण्डेन्स मैनेजमेंट सिस्टम (AMS) एप के माध्यम से दर्ज हो रही है? इसके अलावा औषधियों की उपलब्धता और डीपीडीएमएस पोर्टल से उनकी नियमित आपूर्ति। जांच सुविधाओं और टेली-कन्सल्टेशन सेवाओं की स्थिति। 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों की गैर-संचारी रोगों (NCD) की स्क्रीनिंग एवं पोर्टल पर डेटा अपलोड की क्या प्रगति है। वेलनेस सत्रों का आयोजन (कम से कम 10 प्रति माह हो रहा है। जन आरोग्य समिति के अन्टाइड फंड का स्थानीय स्तर पर समुचित उपयोग। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (NQAS) की दिशा में प्रगति क्या है।