वक्फ बोर्ड के विरोध पर भड़के डॉक्टर राधा मोहन
BJP के राष्ट्रीय महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ.राधामोहन दास अग्रवाल ने
गोरखपुर में काफी ज्वलंत बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग गरीब मुस्लिम समुदाय के हित में किया जाए।कुछ लोग वक्फ बिल को लेकर गलत अफवाह फैला रहे हैं, ताकि लोग इसका विरोध करें, लेकिन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट सत्य को बताने के लिए काफी है।डॉ. अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा, सच्चर रिपोर्ट का विस्फोटक आंकड़ा सामने आया है कि वक्फ की 6 लाख एकड़ जमीन है, लेकिन आय सिर्फ 163 करोड़ रुपए है।
100-100 साल की डीड पर औने-पौने दामों में दी गईं वक्फ संपत्तियां
डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में लगभग 4.5 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका कुल रकबा लगभग 6 लाख एकड़ था। इनसे सालाना 12,000 करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए थी, लेकिन सिर्फ 163 करोड़ रुपए ही आय आ रही थी। इस दौरान श्री अग्रवाल ने यह भी आरोप लगाया कि मुतवल्ली और वक्फ बोर्ड के कुछ सदस्य मिलकर इन संपत्तियों को अपने परिवारों में बांट दिए हैं। संपत्तियां 100-100 साल की डीड पर औने-पौने दामों में दी गईं हैं। जिनका किराया लाखों में होना चाहिए, उन्हें चंद रुपयों में दिया गया है।
एक लाख करोड़ की आय के बदले मिल रहा है 166 करोड़
डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने बताया, 2025 तक आंकड़ा और हैरान करने वाला हो गया है। अब वक्फ की 8.72 लाख संपत्तियां, 38 लाख एकड़ जमीन निकलकर सामने आई हैं। लेकिन संभावित एक लाख करोड़ की आय के बदले सिर्फ 166 करोड़ रुपये आ रहे हैं। यानी आज भी 99.99% वक्फ संपत्तियों का दोहन जारी है। अब समय आ गया है कि वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग गरीब मुस्लिम समुदाय के हित में किया जाए। इस मौके पर प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, पूर्व मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी, पूर्व सांसद रविंद्र कुशवाहा, संगीता आजाद, संतराज यादव, कोषाध्यक्ष पुष्प दत्त जैन, अनूप किशोर अग्रवाल, क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता, उपाध्यक्ष सुनीता श्रीवास्तव सिद्धार्थ शंकर पांडेय, जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी, महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव, जिला प्रभारी रमेश सिंह, अजय सिंह गौतम, अशोक सिंह, राम जियावन मौर्य, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र सिंहा, छट्ठे लाल निगम आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।