राष्ट्रपति का प्रेरणादायी संबोधन… चिकित्सा है समाज सेवा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में चिकित्सा को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का एक माध्यम बताया। उन्होंने कहा, “डॉक्टरों की सेवा न केवल अस्पतालों तक सीमित रहनी चाहिए, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी पहुंचनी चाहिए, जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी है।” उन्होंने एम्स गोरखपुर की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। राष्ट्रपति ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा और कौशल का उपयोग समाज के सबसे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए करें।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री और एम्स निदेशिका का योगदान
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जरूरतमंदों की मदद पर जोर देते हुए कहा, “चिकित्सकों का कर्तव्य है कि वे हमेशा समाज के कमजोर वर्ग की सेवा करें।” वहीं, एम्स की कार्यकारी निदेशिका डॉ. विभा दत्ता ने संस्थान की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “एम्स गोरखपुर न केवल चिकित्सा शिक्षा का केंद्र है, बल्कि इसकी असली पहचान यहां से निकलने वाले चिकित्सकों की समाज सेवा से बनेगी।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
समारोह में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। गोरखपुर के स्थानीय कलाकारों ने फरवाही लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता था। वहीं, जयपुर, राजस्थान से आए कलाकारों ने कालबेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जो दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रही। इन प्रस्तुतियों ने समारोह में उत्साह और उमंग का माहौल बनाया।