इसी तरह गुना शहर की पुलिस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सीएसपी के पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है। गुना के अधिकतर विभाग प्रभारियों के भरोसे हैं, कुछ ऐसे हैं जिन पर वित्तीय अधिकार न होने से वे विभाग में निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षा विभाग में तो लगभग 17 फीसदी तक तबादले हो गए। इनमें कई ऐसे शिक्षक शामिल हैं जो किसी न किसी जुगत लगाकर अपने पसंदीदा स्कूल में पहुंच गए।
शिक्षा विभाग में 1400 तबादले
शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने और अपने पसंदीदा स्कूल में जाने के लिए गुना जिले के 1400 से अधिक शिक्षकों ने तबादले के लिए ऑन लाइन आवेदन किए थे। इसमें 257 शिक्षक ऐसे रहे जिनको केवल अपने पसंदीदा स्कूल मिल पाए। बाकी शिक्षकों को उमीद थी कि उनको भी पसंदीदा स्कूल मिल जाएगा, लेकिन उनकी उमीद शिक्षकों के तबादले सूची न निकलने से पूरी नहीं हो पाई। इसी तरह लंबे समय से विवादों में रहे जिला शिक्षा अधिकारी चन्द्रशेखर सिसौदिया मूल पद पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी अशोकनगर किया गया था। वे अभी रिलीव नहीं हुए हैं और न ही किसी दूसरे अधिकारी की नियुक्ति हो पाई है। इसी तरह पन्द्रह से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां से शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने पसंदीदा स्कूल तो चली गई लेकिन उनकी जगह किसी दूसरे की व्यवस्था नहीं की गई।
राजस्व विभाग में 8-10 पद खाली
राज्य शासन ने कुछ दिन पहले दो तहसीलदारों के तबादले किए थे इनमें गजेन्द्र लोधी और रुचिका अग्रवाल शामिल थी। इनके जाने के बाद राघौगढ़ में तहसीलदार का पद खाली हो गया था। इन दोनों तहसीलदारों की जगह किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई। कलेक्टर ने राघौगढ़ तहसीलदार का पद खाली होने से वहां का प्रभारी डिप्टी कलेक्टर अंकित सोनी को भेजा है। इसी तरह पटवारियों के तबादले में कई क्षेत्र प्रभावित हुए थे। आठ से दस ऐसे हल्के हैं जो खाली पड़े हुए हैं।
कृषि विभाग में उप संचालक का पद खाली
कृषि विभाग में उप संचालक कृषि एके उपाध्याय का तबादला हो गया, उनकी जगह राज्य शासन ने किसी दूसरे अधिकारी की नियुक्ति नहीं की। फिलहाल यह पद प्रभारी के रूप में संजीव शर्मा संभाल रहे हैं। ऐसे ही सहायक कृषि विस्तार अधिकारी के दो-तीन पद खाली पड़े हुए हैं।
नगर पालिका में भी पड़ा असर
नगर पालिका के सीएमओ तेजसिंह यादव के हटने के बाद प्रभारी सीएमओ मंजूषा खत्री को बनाया था, स्थाई सीएमओ बनने की दौड़ में हरिप्रसाद जाटव, संजय श्रीवास्तव जैसे कई अधिकारी शामिल थे। आदेश की अदला-बदली से न हरिप्रसाद जाटव सीएमओ बन पाए और न संजय श्रीवास्तव वन विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा समेत कई ऐसे विभाग हैं जहां भी अधिकारियों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में तबादलों की सर्जरी
स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर जो अपने शुरुआती कार्यकाल से विवादों में रहे हैं। विशनवाड़ा में कोई डॉक्टर तक नहीं हैं। ऐसे ही मारकी महू में केवल एक डॉक्टर और एक नर्स के अलावा कोई नहीं हैं। वहां से पांच से अधिक लोगों के तबादले दूसरी जगह हो गए हैं। जिससे यहां की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल में सर्जन डॉक्टर राहुल श्रीवास्तव का तबादला हो गया, उनकी जगह किसी को नहीं भेजा। जिससे एक मात्र डॉक्टर सर्जरी के लिए बचा है।
परिवहन विभाग भी न रहा अछूता
जिले का परिवहन विभाग जिसको मलाई वाला माना जाता है उसमें अतिरिक्त परिवहन अधिकारी रवि बारेलिया 28 दिसंबर 2023 में एक बस दुर्घटना में चले गए थे, जब से यह विभाग प्रभारियों के भरोसे हो गया है। राज्य शासन उनके जाने के बाद किसी स्थाई अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाया है। वर्तमान में जिला परिवहन अधिकारी का प्रभार राजगढ़ में पदस्थ ज्ञानेन्द्र बैंस संभाल रहे हैं। जिनके नियमित न बिगड़ने से काफी कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही यहां तीन-चार कमियों के पद खाली पड़े हुए हैं। शहर की कानून व्यवस्था को संभालने के लिए सीएसपी पद पर ज्योति उमठ नियुक्त थी, वह वे मातृत्व अवकाश पर लंबे समय रहीं। हाल ही में उनका तबादला गुना से आईजी कार्यालय ग्वालियर हो गया है। उनकी जगह किसी दूसरे पुलिस अधिकारी की स्थापना नहीं की। फिलहाल यह पद प्रभारी सीएसपी भरत नोटिया संभाल रहे हैं। ट्रैफिक डीएसपी के पद पर सुनील दीक्षित का बुरहानपुर से गुना हुआ था, उन्होंने अपना आदेश संशोधन कराकर इंदौर करा लिया। यहां डीएसपी ट्रैफिक के न होने से इस पद को ट्रैफिक टीआई अजय प्रताप सिंह संभाल रहे हैं। इसी तरह अजाक डीएसपी संजय मिश्रा की पदस्थापना राज्य शासन ने अपने एक आदेश में की थी। मिश्रा ने भी ज्वाइन नहीं किया। इसके अलावा डीएसपी महिला सेल का भी पद खाली पड़ा हुआ है।