पूरे 10 दिन का घटनाक्रम : किस दिन क्या हुआ, किसने क्या किया ?
पहला दिन 13 जून : इज़राइल का ऑपरेशन शुरू इज़राइल ने 13 जून को “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” की शुरुआत की। इसमें ईरान के नतांज़, फोर्डो और इस्फ़हान स्थित परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया। इन हमलों में कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सैनिकों की मौत हो गई।दूसरा दिन (14 जून) : ईरान की पहली जवाबी कार्रवाई
14 जून को ईरान ने इज़राइल के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। तेल अवीव और हाइफ़ा जैसे इलाकों में विस्फोट हुए, जिसमें नागरिक हताहत हुए। इज़राइली एयर डिफेंस कुछ मिसाइलों को रोकने में नाकाम रहा।तीसरे से पाँचवाँ दिन 15 से 17 जून: लगातार हमले और जवाबी हमले
ईरान और इज़राइल दोनों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर लगातार हमले किए।ईरान ने हिज़्बुल्ला और यमन से भी सहयोग लिया और इज़राइल पर चौतरफा हमला किया।
इज़राइल ने जवाबी हमलों में सीरिया और लेबनान में ईरान समर्थित ठिकानों को उड़ाया।
छठा दिन (18 जून): अमेरिका की एंट्री
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की -नतांज़, फोर्डो और इस्फ़हान।डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “इतिहास की सबसे सफल सैन्य कार्रवाई” बताया।ईरान ने इसे “सीधी युद्ध की घोषणा” माना।
सातवाँ दिन (19 जून) : संयुक्त राष्ट्र में बहस
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका और ईरान के बीच तीखी बहस हुई।ईरान ने अमेरिका पर “घोर अपराध” का आरोप लगाया।
ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी -समय, स्वरूप और पैमाना ईरान तय करेगा।
आठवाँ–दसवाँ दिन (20 से 22 जून) : सीरिया में अमेरिकी ठिकाने पर हमला
ईरान ने सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दागी। अमेरिका ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन तनाव चरम पर पहुंच चुका है।जंग में अब हालात क्या हैं ?
ईरान और इज़राइल के बीच सीधी जंग जारी है।अमेरिका, सीरिया व यमन जैसे देश और हिज़्बुल्लाह समूह इसमें शामिल हो चुके हैं।
पूरी दुनिया इस युद्ध के फैलने की आशंका से चिंतित है।
संयुक्त राष्ट्र और रूस ने युद्धविराम की अपील की है।