जनसुनवाई में लेकर पहुंचे समस्या
जनसुनवाई में पहुंचे लक्ष्मीनगर निवासी अभिषेक चंदेल ने बताया कि उनकी मासिक आय मात्र 3000 है, जबकि इस माह बिजली बिल 13,500 आ गया है। पिछले महीने यही बिल 137 था। इसी तरह कुलदीप ओझा का बिल सीधे 207 से 37,195 पर पहुंच गया। उन्होंने कहा इतना बिल तो किसी फैक्ट्री का नहीं आता। हमारे घर में एक बल्ब और एक पंखा चलता है। सरस्वती नगर के सुरेश जैन ने बताया कि पहले उनका बिल 300 आता था, लेकिन इस बार 3,500 का बिल थमा दिया गया है।
स्मार्ट मीटर लगवाने के बाद कई गुना बढ़कर आ रहे बिल
उपभोक्ताओं ने बताया कि कॉलोनी में हाल ही में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं और इन्हीं के बाद से बिल कई गुना बढ़े हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों से लगातार शिकायत की जा रही हैं, लेकिन न तो कोई मीटर जांचने आया और न ही कोई संतोषजनक जवाब मिला। इससे पहले शनिवार को भी लोगों ने बिजली कार्यालय जाकर समस्या बताई थी। वहां आश्वासन मिला था कि सोमवार को जांच होगी, लेकिन कोई नहीं आया। इस पर मंगलवार को सैकड़ों लोग जनसुनवाई में पहुंचे और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। लोगों ने यह भी आरोप लगाए कि स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे कंपनियों का निजी लाभ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली को निजी हाथों में सौंप दिया है और अब अडानी जैसी कंपनियों के मीटर आम आदमी को लूट रहे हैं।
कॉलोनीवासियों ने दी मीटर उखाड़ फेंकने की धमकी
कॉलोनीवासियों का कहना है कि यह कोई सामान्य गड़बड़ी नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। लक्ष्मीनगर कॉलोनी के निवासी पवन कुशवाह, सुरेश जैन, रामेश्वर ओझा, धनपाल यादव और अन्य ने कलेक्टर के समक्ष स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि बिजली विभाग ने सात दिन में समस्या का समाधान नहीं किया तो कॉलोनीवासी स्वयं मीटर हटाकर आंदोलन करेंगे।