सुठालिया सिंचाई परियोजना के कारण गुना राजगढ़ सहित चार जिलों के कुल 65 गांव प्रभावित हो रहे हैं। इसमें इलाके के किसानों की 80 हजार बीघा उपजाऊ और कीमती जमीन डूब रही है। गुना जिले के ग्रामीणों को बसाने के लिए राजगढ़ जिले में कॉलोनी – परियोजना के तहत गुना जिले के आठ गांव की खेती की जमीन प्रभावित हुई है। वहीं तीन गांव तो पूरे ही डूब में आ रहे हैं। गुना जिले के इन ग्रामीणों को बसाने के लिए राजगढ़ जिले में कॉलोनी बनाई जा रही है। पहाड़ गढ़ के बड़ा बादला में इस कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। यहां 800 परिवारों को बसाने की तैयारी है।
कॉलोनी के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग को लेकर लोगों में नाराजगी है। भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान ने गुना और राजगढ़ प्रशासन से मांग की है कि वह इस मामले में संज्ञान लें, ताकि घटिया निर्माण कार्य रुक सके। नारायण सिंह के मुताबिक निर्माण इतना घटिया है कि हाथ लगाने से ही मटेरियल गिर रहा है।
अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो यह आवास समय सीमा से पहले ही खराब हो जाएंगे।
किसान संघ न निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। इसके अलावा मुआवजा राशि कम मिलने, बांध के निर्माण में नहरों के कार्य में प्रगति लाने सहित कई समस्याएं उठाई गई हैं।
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परियोजना का किसानों द्वारा भी लगातार विरोध किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि जमीन के बदले उन्हें जमीन दी जाए लेकिन इस बात का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। जमीन के बदले जो मुआवजा दिया जा रहा है, वह बहुत कम है। इससे कई परिवार तो भूमिहीन हो गए है।
भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के अध्यक्ष नारायण सिंह ने बताया कि यहां ज्यादातर 5 बीघा रकबे वाले किसान थे। इन्हें ढाई लाख रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिया जा रहा है। कई किसानों का बैंक का कर्ज भी था जिसमें 4 से 5 लाख काट कर राशि दी जा रही है। इससे किसान एक बीघा भी जमीन नहीं खरीद पा रहा है। वर्तमान में जमीनों की कीमत ज्यादा हो गई है जबकि मुआवजा राशि उतनी नहीं है। ऐसे में प्रभावित किसान भूमिहीन होने की स्थिति में पहुंच गया है।